इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन परियोजना मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के लोगों के लिए एक बड़ी सौगात साबित होने जा रही है। इस महत्वाकांक्षी रेल प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए रेलवे ने अब ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज कर दी है। हाल ही में रेल मंत्रालय ने इस कार्य के लिए 267.50 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी है।
तीन जिलों के 77 गांव होंगे प्रभावित
यह रेलवे लाइन मध्यप्रदेश के धार, खरगोन और बड़वानी जिलों के 77 गांवों से होकर गुजरेगी। इस परियोजना से इन क्षेत्रों के हजारों गांवों में रहने वाली लगभग 30 लाख आबादी को सीधा लाभ मिलेगा। इस क्षेत्र में अधिकतर आदिवासी अंचल हैं, और ऐसे में यह रेल लाइन इनके लिए विकास के नए द्वार खोलेगी।
इंदौर से मुंबई की दूरी होगी कम
इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन के निर्माण से इंदौर से मुंबई की दूरी 830 किलोमीटर से घटकर मात्र 568 किलोमीटर रह जाएगी। इससे यात्रा का समय और किराया दोनों में कमी आएगी। यात्रियों को तेज और सुगम कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा।
267.50 करोड़ की राशि से होगा भूमि अधिग्रहण
रेल मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए बजट में ही 267.50 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए थे। अब इस राशि से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। नवंबर 2024 में इस संबंध में गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया था। इसके बाद महू तहसील के 18 गांवों की सूची भी जारी की गई है, जहां से यह रेल लाइन गुजरेगी।
₹1.80 लाख में आपका होगा Tata Curvv CNG कार, जानिए EMI प्लान
इन गांवों में अधिग्रहण होगा
महू तहसील के जिन गांवों की जमीन अधिग्रहण की जाएगी उनमें शामिल हैं: खेड़ी, चैनपुरा, कमदपुर, खुदालपुरा, कुराड़ाखेड़ी, अहिल्यापुर, नांदेड़, जामली, कैलोद, बेरछा, गवली पलासिया, आशापुरा, मलेंडी, कोदरिया, बोरखेड़ी, चौरड़िया, न्यू गुराडिया और महू केंटोमेंट एरिया।
इन गांवों के किसानों और ज़मीन मालिकों को जल्द ही मुआवजे की राशि वितरित की जाएगी ताकि आगे का काम बिना किसी रुकावट के शुरू हो सके।
रेलवे को होगा करोड़ों का राजस्व
सूत्रों की मानें तो इस रेल मार्ग से प्रारंभिक वर्षों में ही 50 लाख यात्री सफर करेंगे। भविष्य में इस प्रोजेक्ट से रेलवे को प्रति वर्ष करीब 900 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। इस मार्ग पर लगभग 16 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें चलाई जाएंगी