भारत में दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी, हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड, आगामी समय में चार नए इलेक्ट्रिक कार (ईवी) मॉडल पेश करने की योजना बना रही है। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण पेशकश क्रेटा ईवी है। लंबे समय से लोग क्रेटा के इलेक्ट्रिक मॉडल का इंतजार कर रहे हैं और हाल के महीनों में इसकी टेस्टिंग की कई तस्वीरें सामने आई हैं। हुंडई मोटर इंडिया ने अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के समक्ष दायर दस्तावेजों में इस जानकारी का उल्लेख किया है।
SEBI में दायर दस्तावेजों के अनुसार, कंपनी मौजूदा वित्त वर्ष की चौथी तिमाही, यानी जनवरी से मार्च 2025 के दौरान क्रेटा का ईवी वर्जन लॉन्च कर सकती है। दस्तावेजों में बताया गया है कि ईवी मॉडल को पेट्रोल और डीजल के मुकाबले प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए ईवी के ज्यादातर कंपोनेंट्स का उत्पादन स्थानीय स्तर पर करने की योजना है। इनमें बैटरी, इंजन, और इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण शामिल होंगे। इसके साथ ही, ईवी की सप्लाई चेन को भी स्थानीय स्तर पर तैयार करने की योजना बनाई जा रही है।
हुंडई मोटर इंडिया ने कहा है कि उन्होंने महंगी प्रीमियम ईवी के साथ बदलाव की रणनीति पर काम शुरू किया है और भविष्य में व्यापक बाजार के लिए नए मॉडल पेश किए जाएंगे। इस रणनीति के तहत कंपनी चार नए ईवी मॉडल पेश करने का इरादा रखती है, जिनमें से एक क्रेटा का ईवी वर्जन है, जो जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में लॉन्च होगा। वर्तमान में कंपनी भारत में प्रीमियम इलेक्ट्रिक एसयूवी आयोनिक 5 और कॉम्पैक्ट इलेक्ट्रिक एसयूवी कोना इलेक्ट्रिक बेच रही है, जिनकी कीमत क्रमशः 46 लाख और 24 लाख रुपये है।
हुंडई मोटर इंडिया ने यह भी बताया है कि वह भारत में मार्केट डिमांड के अनुरूप ईवी मॉडल पेश करने की रणनीति पर चल रही है, जिससे हर मूल्य वर्ग में उसके इलेक्ट्रिक मॉडल उपलब्ध हों। कंपनी का कहना है कि ईवी मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ वे चार्जिंग स्टेशन बनाकर भारत में ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत करना चाहते हैं। मार्च 2024 तक कंपनी ने भारत में 11 फास्ट चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए हैं। कंपनी की योजना शहरों के भीतर और राजमार्गों पर चार्जिंग स्टेशन लगाकर देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की है।
हाल ही में हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड ने अपने आईपीओ की मंजूरी के लिए SEBI के समक्ष प्रारंभिक दस्तावेज जमा किए हैं। यदि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो यह भारत में एलआईसी के बाद सबसे बड़ा आईपीओ साबित हो सकता है। एलआईसी ने वर्ष 2022 में 21,000 करोड़ रुपये का आईपीओ जारी किया था।
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