Places to visit near Mandsaur
मंदसौर शहर में घूमने की प्रमुख जगह
1.पशुपतिनाथ मंदिर मंदसौर ( Pashupatinath temple mandsaur )
विश्व भर में विख्यात अष्ट मुखी भगवान श्री पशुपतिनाथ का मंदिर भारत के मध्य प्रदेश राज्य के मंदसौर जिले में स्थित है यहां भगवान पशुपतिनाथ का भव्य मंदिर बना हुआ है
पशुपतिनाथ मंदिर पूरे विश्व भर में विख्यात है यह मंदिर पूरे विश्व में अष्ट मुखी पशुपतिनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है यह विश्वकर्मा एक ही प्रतिमा है भगवान श्री पशुपतिनाथ की अष्ट मुखी प्रतिमा है भगवान पशुपतिनाथ की एक प्रतिमा और भी है जोकि चार मुखी पशुपतिनाथ प्रतिमा है यह प्रतिमा नेपाल में स्थित है और भगवान श्री पशुपतिनाथ के मंदिर के समीप ही उन को स्पर्श करती हुई शिवना नदी बहती है जोकि इस पावन मंदिर को और भी सुंदर व आकर्षक बनाती है भगवान पशुपतिनाथ के अष्ट मुख अलग-अलग अवस्थाओं को दर्शाते हैं इन अवस्थाओं में मुख्य रूप से बाल अवस्था किशोरावस्था अधीरा अवस्था और वृद्धावस्था मुख्य दर्शन आपको करने को मिलेंगे यह चारों मुख चारों दिशाओं की ओर है मंदिर भी कुछ इस प्रकार बना है कि आप चारों दिशाओं से भगवान श्री पशुपतिनाथ के दर्शन कर सकते हैं जोकि बहुत ही आकर्षक लगता है
भगवान श्री पशुपतिनाथ की मूर्ति 1940 में मां शिवना यानी शिवना नदी से प्रकट हुई थी इस मूर्ति को सर्वप्रथम देखने वाला एक धोबी था जोकि कहा जाता है कि वह रोजाना इस मूर्ति के ऊपर कपड़े धोता था किंतु 1 दिन नदी में नहाते वक्त उससे यह आभास हुआ कि वह जिस शीला पर कपड़े धो रहा है वह एक मूर्ति है उसके द्वारा बताए जाने पर पंडितों द्वारा अष्टमी की प्रतिमा को बाहर निकाला गया और उसे नदी किनारे स्थापित किया गया इस मूर्ति की स्थापना 1961 में हुई थी ।
भगवान श्री पशुपतिनाथ को सावन में बहुत ज्यादा पूजा जाता है यहां श्रद्धालु सावन मास में लाखों की मात्रा में आते हैं और भगवान श्री पशुपतिनाथ की पूजा करते हैं
अष्ट मुखी पशुपतिनाथ के आठों मुखो के नाम
1)पहला मुख शव2)दुसरा मुख भव3)तिसरा मुख रूद्र4)चोथा मुख उग्र5) पांचवां मुख भिम6) छठा मुख पशुपति7) सातवां मुख ईशान8)आठवां मुख महादेव
(Dharmarajeshwar Temple mandsaur)
यहां मंदसौर से 105 किलोमीटर दूर सीतामऊ तहसील में स्थित है। यह बाबा भोलेनाथ का काफी प्राचीन मंदिर है। लोगों का कहना है कि यहां मूर्ति साल भर में 1 इंच बढ़ती है। इस मंदिर की देखभाल मध्य प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही है। धर्मराजेश्वर मंदिर भारत के मध्य प्रदेश राज्य में मंदसौर के शामगढ़ तहसील के पास में स्थित है यह मंदिर तकरीबन उस समय निर्माण किए गए थे जिस समय महाभारत के पांडवों का अज्ञातवास चल रहा था यह मंदिर पूर्ण रूप से एक बड़े सी चट्टान को काटकर बनाया गया है इस मंदिर में भगवान शिव की शिवलिंग विराजमान है यहां पर बौद्ध धर्म के भी कई चिन्ह देखने को मिलते हैं इसलिए इन्हें बौद्ध गुफाओं के नाम से भी जाना जाता है यह मंदिर जमीन की तल में बना हुआ है तल मैं ही अंदर गुफाएं है जिनमे कुछ मूर्तियां भी देखने को मिलती है जिनमें आपको बुद्ध भगवान की मूर्ति भी देखने को मिलती है साथ ही जहां के लोगों का मानना है कि यह गुफा और यह मंदिर का निर्माण भीम ने करवाया है और उन्होंने अपना अज्ञातवास का कुछ समय यही वियतीत किया है यह जगह देखने में बहुत ही आकर्षक लगती है यहां आकर अलग ही आनंद की अनुभूति होती है जहां सभी प्राचीन चीजों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि हम उस समय के दर्शन कर रहे हो जिस समय में हम थे ही नहीं मंदसौर न्यूज़ (mandsaur news) जो आप यह बातें जान रहे हैं तो हम चाहते हैं कि अगर आप मंदसौर शहर में आए तो एक बार यहां दर्शन करने जरूर पधारें जिससे कि आप ही यह आकर्षण भरी इस सुंदर मंदिर के दर्शन कर पाएं ।
3. श्री वही तीर्थ (vahiparasnath mandsaur)-
इस तीर्थ की स्थापना राजा समप्रीत ने की थी। भगवान वहीं पार्श्वनाथ की प्रतिमा काले रंग की है जो पद्मासन मुद्रा में विराजमान है। श्री वही पार्श्वनाथ श्वेतांबर जैन नामक ट्रस्ट इस मंदिर को संचालित करता है। यह मंदिर मंदसौर से 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
4. कुकड़ेश्वर (kukdeshwar mandsaur)-
जैन तीर्थ स्थल के रूप में विख्यात यह पवित्र गांव मंदसौर से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां के मंदिर राज्य के प्राचीनतम मंदिरों में से एक माने जाते हैं। मध्यप्रदेश का नीमच जिला यहां से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
5. भानपुरा (bhanpura mandsaur)-
यहां स्थान मंदसौर से लगभग 127 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां शासन करने वाले राजा भामन के नाम पर इसका नाम भानपुरा पड़ा। यहां बना एक संग्रहालय मुख्य दर्शनीय स्थल है। संग्रहालय में कला की अनेक दुर्लभ वस्तु का संग्रह देखा जा सकता है। उमामाहेश्वर ,कार्तिकेय, विष्णु और नदी की आकर्षक तस्वीरों को यहां देखा जा सकता है।
6. गांधी सागर (gandhi sagar)-
चंबल नदी पर बना बांध लिया है मंदसौर से 168 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मां के पावर स्टेशन में 23 मेगाबाइट के 5 टरबाइन है। और इनकी कुल क्षमता 123 मेगाबाइट है।
7. मंदसौर का किला (Mandsaur Fort)-
यह किला मंदसौर जिले का इतिहास बताता है। यहां किला मंदसौर के मेवाड़ और मालवा स्थान पर स्थित है। यह एक बाहरी दीवार से घिरा हुआ है। इस किले में 12 द्वार है जिसमें दक्षिण पूर्व दीवार नदी दरवाजे के नाम से जानी जाती है उसके किनारे एक शिलालेख है जो बताता है कि 1968 से 15 साल के कार्यकाल के बीच बनाया गया है।
8. हिंगलाज किला (Hinglaj Port)-
यहां जिला मंदसौर जिले के भानपुरा में नामली गांव के पास स्थित है। यह एक प्राचीन किला है जो भानपुरा से 26 किलोमीटर की दूरी पर है। इस किले में कई प्रकार की कलात्मक मूर्तियां पाई गई है। बता दें कि यहां पर 4 से 5वी शताब्दी की मूर्तियां भी पाई गई है।