Mandsaur ki khabar: मंदसौर में नियमों के विरूद्ध चल रहे अस्पतालों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मंदसौर में स्वास्थ्य अधिकारियों ने नोटिस के आधार पर कार्रवाई करते हुए जिले के कई अस्पतालों को सील कर दिया है। जानकारी में बताया गया है कि कुछ दिनों पहले जबलपुर अस्पताल में आग लगने से बड़ा हादसा हो गया था। इसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने सभी को निर्देश जारी किए थे कि प्रदेश के सभी अस्पतालों में हादसों से बचने के लिए सुविधाएं जरूरी होनी चाहिए। इसके चलते मंदसौर स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्रवाई करते हुए जिले के कई अस्पतालों को सील कर दिया गया है।
मंदसौर की खबर: मंदसौर प्रशासन ने निर्देश के आधार पर कठोर कार्रवाई करते हुए मंदसौर के 23 अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त कर दिया है। जबलपुर अस्पताल में हुई घटना के बाद सभी अस्पतालों को 2 महीने में जवाब देने का समय दिया गया था लेकिन मंदसौर प्रशासन ने समय से पहले ही अस्पतालों पर कठोर कार्यवाही कर दी। ऐसे में अब मंदसौर के सभी प्रमुख अस्पताल मरीजों को भर्ती नहीं कर सकेंगे और अब गंभीर मरीजों को मजबूरन रेफर किया जाएगा। इसका मुख्य कारण जिला अस्पताल में सुविधाओं की कमी है। मंदसौर जिला अस्पताल सिर्फ एक रेफर सेंटर बना हुआ है। यहां तक कि मंदसौर जिला अस्पताल में ठीक से पट्टी करने वाले डॉक्टर भी नहीं है।
मंदसौर की खबर: मंदसौर जिला अस्पताल में पर्याप्त चिकित्सकों के साथ कई सारे विशेषज्ञ चिकित्सक भी उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा जिला अस्पताल में जरूरी जांच की सुविधा भी नहीं है। कार्रवाई के बाद सीएमएचओ डॉ अनिल कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार से कोई भी अस्पताल संचालक मरीजों को भर्ती नहीं कर पाएगा। जबलपुर अस्पताल में हुएं हादसे के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर जिले के 29 अस्पताल संचालकों को नोटिस जारी किए गए थे। जांच के दौरान सभी अस्पतालों में अनुज्ञा, फायर सेफ्टी और पार्किंग व्यवस्था जैसी कमियां पाई गई। इसके चलते सभी ने अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण पत्र और बिजली सुविधा प्रमाण पत्र तो जमा करवा दिए लेकिन भवन व्यवसायिक अनुज्ञा भवन पूर्णता प्रमाण पत्र और पार्किंग व्यवस्था नहीं होने के चलते कार्यवाही की गई है।
विधायक और कलेक्टर के पास पहुंचे अस्पताल संचालक
mandsaur ki khabar: कार्यवाही होने के बाद मंदसौर के सभी नर्सिंग होम संचालक विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया और कलेक्टर गौतम सिंह के पास पहुंचे और मामले की चर्चा की गई। अस्पतालों के सभी संचालक कुशाभाऊ ठाकरे ऑडिटोरियम में पहुंचे और विधायक कलेक्टर से चर्चा की गई। इस पर कलेक्टर गौतम सिंह और विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया ने नियमानुसार कार्रवाई की बात कही। प्रदेश के किसी भी जिले में इस प्रकार ताबड़तोड़ कार्यवाही नहीं की गई है। मंदसौर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिस तरह की कार्रवाई की गई है, इससे कुछ दिनों बाद स्वास्थ्य विभाग के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है।