मंदसौर मंडी: कृषि उपज मंडी में किसानों से अवैध वसूली की जा रही है। पहले ही किसान कम दामों से परेशान हैं और फिर किसानों से उपज भरने के लिए दो-दो बार पैसे लिए जा रहे हैं। उपज की नीलामी के बाद बारदान भी किसानों को ही लाने पड़ते हैं। उपज नीलामी होने के बाद किसान को 2 रूपए प्रति कट्टा उपज भराने के लिए देना पड़ रहा है। वर्तमान में तो यह स्थिति है कि अगर किसान पैसे नहीं देना चाहता है तो कोई उपज भरने वाला ही नहीं मिलता है। अपनी उपज कट्टों में भरने के लिए किसान को मजबूरन पैसे देने पड़ते हैं और तुलाई के समय किसान को कट्टे उठाने में भी मदद करनी पड़ती है।
मंदसौर मंडी: मंदसौर मंडी मध्यप्रदेश की नंबर वन मंडी के नाम से जानी जाती है ,लेकिन यहां अपनी लहसुन लेकर आ रहे किसानों से अवैध वसूली की जा रही है। कुचडौद निवासी कुशाल गिर, राहुल पवार, दिनेश कुमावत और लखन कुमावत जो कि मंदसौर मंडी में लहसुन लेकर आएं थे। लहसुन लेकर आएं सभी किसानों का कहना है कि हम मंदसौर मंडी में लहसुन के अच्छे दाम मिलने की उम्मीद से पहुंचे हैं ,लेकिन यहां निलामी के बाद किसानों को खुद बारदान लेने जाना पड़ रहा है और बाद में उपज भराने के लिए 2 रूपए प्रति कट्टा भी देने पड़ रहे हैं।
मंदसौर मंडी: वर्तमान में ऐसी स्थिति है कि कृषि उपज मंडी मंदसौर में किसानों की कोई सुनने वाला नहीं है। कटे भरने के बाद भी किसानों से ही कट्टे उठाने में टेकी करने के लिए कहा जा रहा है। बाकी अन्य मंडियों में ऐसा नहीं होता है, सिर्फ मंदसौर मंडी में ही किसान को उपज भराने के लिए ₹2 प्रति कट्टि देना पड़ रहा है। मामले में मंडी सचिव प्रभारी बलवंत सिंह ने कहा है कि अभी चार्ज लिए चार-पांच दिन ही हुए हैं। मंडी में इस प्रकार की वसूली जल्द ही बंद की जाएगी।