मध्यप्रदेश न्यूज़: लंबे समय के इंतजार के बाद खाद्य तेलों के भाव में राहत का दौर नजर आया है। 4 महीनों बाद पाम तेल की थोक कीमतों में चित्र रुपए प्रति लीटर तक गिरावट देखने को मिली है। जानकारी के अनुसार सोयाबीन रिफाइंड तेल ₹40 प्रति लीटर और सरसों तेल ₹31 प्रति लीटर तक सस्ता हुआ है। कारोबारियों का कहना है कि 3 मई अक्षय तृतीया के दिन तेल के दाम सबसे अधिक थे। व्यापारी नितेश संघवी ने जानकारी देते हुए बताया कि रूस यूक्रेन के युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में बने हालात और इंडोनेशिया द्वारा निर्यात में रोक लगाने से तेल के भाव अचानक बढ़ गए थे। पाम ऑयल मलेशिया, इंडोनेशिया और सोया ऑयल ब्राजील, शिकागो और अर्जेंटीना से आता है।
मध्यप्रदेश न्यूज़: फिलहाल खाद्य तेल का आयात अधिक होने के कारण दामों में गिरावट आई है। 3 मई को बाजार में पाम ऑयल की कीमत ₹175 प्रति लीटर थी जो अब घटकर ₹105 प्रति लीटर ही रह गई है। सोया रिफाइंड ऑयल की कीमत ₹170 प्रति लीटर थी जो घटकर ₹130 प्रति लीटर तक रह गई है। सरसों तेल की कीमत ₹166 प्रति लीटर थी जो घटकर ₹135 प्रति लीटर रह गई है।
मई से शुरू हुआ तेल में तेजी का दौर
माह | सोया रिफाइंड | सरसों तेल | पाम ऑयल |
फ़रवरी | 145-147 | 170-175 | 140-142 |
मई | 168-170 | 164-166 | 174-175 |
जुलाई | 136-138 | 138-140 | 132-135 |
सितंबर | 125-130 | 130-135 | 100-105 |
जिले में रोज होती है 80 टन से ज्यादा तेल की खपत
मध्यप्रदेश न्यूज़: व्यापारियों का कहना है कि जिले में रोजाना करीब 80 टन तेल की खपत होती है। हालांकि जब तेल के दाम कम रहते हैं तो उसकी खपत भी बढ़ जाती है लेकिन अमूमन 80 टन तेल की खपत रोजाना जिले में होती है। इसमें पाम ऑयल सबसे अधिक उपयोग में लिया जाता है। सभी होटलों यानी समोसा कचोरी और नमकीन बनाने वाले पाम ऑयल का ही इस्तेमाल करते हैं। इसी कारण 50% खपत पाम ऑयल की ही रहती है। घरेलू मामलों में देखा जाए तो सरसों का तेल की खपत 30% से अधिक रहती है।