आनलाइन पूजा-अर्चना अभिषेक शास्त्र सम्मत नहीं : Mandsaur News

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अभा संत धर्म समाज पुजारी संगठन ने किया विरोध

मंदसौर आज के समय में वैसे ही हिंदू समाज के मंदिरों में अपने लोगों की संख्या घट रही है, क्योंकि कई लोग घर बैठे आनलाइन दर्शन कर लेते हैं और ऐसे समय में कुछ संतों और पुजारियों द्वारा आनलाइन पूजा-अर्चना और अभिषेक को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसका अभा संत धर्म समाज पुजारी संगठन विरोध करता है।

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अभा संत धर्म समाज पुजारी संगठन जिलाध्यक्ष जीवनदास बैरागी, प्रदेश उपाध्यक्ष डा ओमप्रकाश बैरागी निरधारी और गोविंद नागदा ने बताया कि आज कई मंदिरों की स्थिति ऐसी हो गई है कि मंदिरों में सिर्फ पुजारी ही आरती कर रहे हैं, पुजारी ही प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। जिन समाजों के अपने निजी मंदिर है उन समाजों के लोग ही मंदिरों में नहीं आ रहे हैं। ऐसे विकट समय में आनलाइन पूजा-अर्चना को बढ़ावा देना गलत है। कई मंदिरों की स्थिति यह है कि मंदिर की घंटी बजाने वाले तक नहीं है, इसलिए अनेक मंदिरों में इलेक्ट्रानिक घंटियां लग गई हैं। हमें हिंदू धर्म के लोगों को मंदिर आने के लिए प्रेरित करना चाहिए। बताया कि आनलाइन पूजा-अर्चना, अभिषेक शास्त्र और सनातन धर्म के विरूद्ध है, वहीं इससे वह लाभ जजमान को नहीं मिल पाता जो एक ब्राह्मण से कराने पर मिलता है। आनलाइन कर्मकांड व पूजा कराने से ब्राह्मणों के आर्थिक हित भी प्रभावित हो रहे हैं। धार्मिक क्रियाकल्प ब्राह्मणों द्वारा ही प्रत्यक्ष रुप से कराया जाना शास्त्र सम्मत है। हम सनातन धर्म-संस्कृति को पाश्चात्य सभ्यता की भेंट नहीं चढ़ने देंगे। सनातन धर्म में इस प्रकार आधुनिकता की होड़ में मान्य परंपराओं को समाप्त करना उचित नहीं है। इस ओर समाज के बड़े संतों, धर्माचार्यों को आगे आना चाहिए और समाज का मार्गदर्शन करना चाहिये। तभी हम हमारी सनातन हिंदू धर्म संस्कृति को बचा पाएंगे।

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