धुंधड़का में रात में रोगियों को नहीं मिलता उपचार
धुंधडका स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का खामियाजा जिला अस्पताल से लगाकर ग्रामीण अंचल में स्थापित प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के साथ जिम्मेदार चिकित्सकों की लापरवाही को लेकर मरीजों के उपचार में गड़बड़ी के मामले बढ़ रहे हैं।

धुंधड़का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी आए दिन स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही का खामियाजा क्षेत्रीय जनता को भुगतना पड़ रहा है। धुंधड़का सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बात अगर सामने आती है तो क्षेत्र के करीब 100 से भी अधिक ग्रामों में निवासरत जनता को आपातकालीन उपचार के लिए जिले के धुंधड़का में 2.75 करोड़ रुपये में बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मूलभूत स्वास्थ्य सुविधा भी मुहैया नहीं हो रही है। बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात में दलौदा थाना क्षेत्र के ग्राम लामगिरी निवासी रामप्रसाद पुत्र नागूलाल सूर्यवंशी को आपसी विवाद में शरीर में चोट लगी थी। उपचार के लिए धुंधड़का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर आए पर चिकित्सलक नहीं होने से प्राथमिक उपचार भी नहीं मिल पाया। स्वास्थ्यकर्मियों ने गोली देकर प्राथमिक उपचार के लिए मरीज को सुबह तक हास्पिटल परिसर में बैठाये रखा। इधर मरीज को शरीर में कई जगह चोट लगने पर दर्द से कहराते हुए बुधवार रात 12 बजे से गुरुवार सुबह 9 बजे तक हास्पिटल परिसर में डाक्टर का इंतजार करना पड़ा। मरीज रामप्रसाद ने बताया कि किसी भी डाक्टर ने अपनी जिम्मेदारी के साथ मेरा उपचार करना उचित नहीं समझा। मरीज के हाथ पैरों पर भी चोट लगी थी। इधर स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ डा. सतीश गौड़ ने भी मोबाइल रिसीव नहीं किया।