मंदसौर की ब्रेकिंग न्यूज़
शिक्षा के माध्यम से मनुष्यों की जन्मजात प्रवृत्तियों एवं शक्तियों का विकास किया जाता है। विकास के इस क्रम में ज्ञान एवं कौशल में वृद्धि के साथ-साथ व्यवहार में वांछित परिवर्तन किया जाता है। इससे सभ्य, सुसंस्कृत एवं योग्य नागरिकों का निर्माण हो। इस कड़ी में शैक्षणिक संस्थानों और गतिविधियों की अहम भूमिका है। पशुपतिनाथ की नगरी मंदसौर के शैक्षिक दृष्टिकोण की बात करें तो हम बेधड़क कह सकते हैं मंदसौर शिक्षा का वो केंद्र यानी एजुकेशनल हब बन चुका है, जहां हर तरह की सुविधा दृष्टिगोचर हो रही है। विद्यालयीन स्तर पर आज यहां निजी विद्यालयों में हर तरह की सुविधा उपलब्ध है वहीं सरकारी विद्यालयों में भी योग्य और प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा शिक्षण कार्य किया जा रहा है। माशिमं भोपाल की सदस्य होने के नाते बोर्ड परीक्षा में मंदसौर के उत्कृष्ट विद्यालय और भानपुरा के माडल विद्यालय देखने का सौभाग्य मिला। इन विद्यालयों में नाम मात्र के शुल्क पर मेधावी विद्यार्थियों को प्रवेश देकर सारी सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं। इसी प्रकार केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय भी शिक्षा का अलख जगाने का काम कर रही है। यह विद्यालय न सिर्फ मानव संसाधन बल्कि भौतिक संसाधनों से भी भरपूर है। अपनी गतिविधियों से बच्चों के सर्वांगीण विकास में मील का पत्थर साबित हो रहा है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का मूल आधार प्राचीन और सनातन भारतीय ज्ञान और संस्कृति है। जिसका लोहा विश्व के सभी देश मान रहे हैं। इस दर्शन और संस्कृति को आगे बढ़ाने में विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जग्गाखेड़ी, अभिनंदन नगर, केशव नगर की अपनी एक विशिष्ट पहचान है। इन शिक्षण संस्थान में शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी विश्व के किसी भी कोने में रह रहे हैं, पर सभी आपस में जुड़े हैं। हाल ही में मंदसौरवासियों को सैनिक विद्यालय की सौगात मिली है, जिसका श्रेय विद्या भारती द्वारा संचालित संस्था सरस्वती सीबीएसई को है। यह खुशी के साथ ही गौरव का भी विषय है। विद्यालयीन शिक्षा में हिंदी और अंग्रेजी का दबदबा है तो जिले में एक संस्कृत विद्यालय भी सुशोभित है। उच्च शिक्षा में शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कन्या महाविद्यालय, संगीत महाविद्यालय, उद्यानिकी महाविद्यालय, पोलीटेक्निक महाविद्यालय, शासकीय नर्सिंग कालेज, जिला शिक्षा और प्रशिक्षण केंद्र, निजी क्षेत्र में इंजीनियरिंग कालेज, फार्मेसी कालेज, आयर्वेद कालेज भी है। इसके अलावा मंदसौर में एक निजी विश्वविद्यालय में देश के कई राज्यों के साथ विदेशी शिक्षार्थी भी आ रहे हैं। इस विवि में कई शोधकर्ताओं को शोध कार्य करने का मौका भी मिल रहा है।
अब तक मंदसौर में सभी प्रकार की शैक्षिक और तकनीकी डिग्री उपलब्ध थी। कमी थी तो सिर्फ डाक्टरी डिग्री की किंतु मंदसौर वासियों और जनप्रतिनिधियों के प्रयास से जल्द ही मेडिकल कालेज की भी सौगात मिलने वाली है। कहा जा सकता है कि मेधावी और प्रतिभाशाली बच्चे जो अपने सपने साकार करना चाहते हैं उसे मंदसौर से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है। अगर इच्छाशक्ति और योग्यता है तो सपने मंदसौर में ही पूरे हो जाएंगे। इस बात को कोई नकार नहीं सकता हैं।