Mp News: 3 सालों से नहीं बन रहा मंदसौर का मुख्य मार्ग, ना सीसी रोड बना, ना डामरीकरण हुआ, आमजन परेशान
मध्यप्रदेश न्यूज़: मंदसौर शहर की जीवन रेखा कहा जाने वाला और मंदसौर से नीमच की ओर जाने वाला मुख्य मार्ग पिछले 3 सालों से निर्माण की राह पर ही टिका हुआ है। वर्ष 2019 में बाढ़ के दौरान सड़क की हालत खराब हो गई थी और सभी तरफ गढ्ढे ही गढ्ढे हो गए थे। इस दौरान मंदसौर मुख्य मार्ग का 2 करोड़ रुपए में रोड़ के डामरीकरण के लिए टेंडर किया गया। इसके बाद जब 1 साल में डामरीकरण नहीं हुआ तो 1 साल पहले 10 करोड़ रुपए में सीसी रोड के लिए मंजूरी मिल गई लेकिन मंजूरी मिलने के 3 साल बाद भी अभी तक लोगों को जर्जर सड़क से ही आना जाना पड़ रहा है। डामरीकरण का टेंडर निरस्त कर जनप्रतिनिधि के चाहे तो ठेकेदार को सीसी रोड बनाने के लिए टेंडर दे दिया गया।
आमजन को 3 किलोमीटर का सफर धूल भरी सड़क पर करना पड़ रहा
मध्यप्रदेश न्यूज़: रोजाना आम लोगों को धूल भरी सड़क से परेशान होना पड़ रहा है और 3 किलोमीटर का सफर इसी गढ्ढो भरी सड़क से करना पड़ रहा है। जिम्मेदार पिछले 3 सालों से सड़क पर गिट्टी मुरम डालकर काम चला रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भी लोग हादसों के शिकार हो रहे हैं। इस जर्जर सड़क से रोजाना लगभग 1 लाख लोग निकलते हैं। अभी तक किसी ने सुनवाई भी नहीं की है जबकि कांग्रेस के कार्यकर्ता कई बार इसके लिए धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। जनता जी निधि जनता को जल्दी कार्य शुरू करने का विश्वास दिला रहे हैं लेकिन पर्दे के पीछे वह जानबूझकर अपने चहेते ठेकेदार को कार्य दिलाने के लिए सड़क निर्माण कार्य में देरी कर रहे हैं। पीडब्ल्यूडी ने मिग्नेश कंस्ट्रक्शन को सड़क बनाने के लिए ठेका दिया और कंपनी में 8000000 रुपए का कार्य भी कर दिया था लेकिन उसके बाद राजनीतिक दबाव के कारण वह कार्य को आगे नहीं बढ़ा पाए।
कुछ दिनों पहले प्रतिनिधि के चहेते ठेकेदार को टेंडर दिया गया
कई दिनों तक जब कार्य नहीं चला तो कर्मचारी 1 महीने तक अपने संसाधनों के साथ मंदसौर में ही बैठे रहे। इससे उनका लाखों का नुकसान हो गया। इसके बाद पीडब्ल्यूडी ने टेंडर निरस्त कर दिया। कुछ माह पहले जनप्रतिनिधि के चहेते ठेकेदार को इसका टेंडर दिया गया। पहले रोड को बनाने का टेंडर आरवी गुप्ता को दिया गया था जिसे निरस्त कर दिया गया और अब प्रतिनिधि के चहेते ठेकेदार को टेंडर देने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्य मार्ग पर कृषि उपज मंडी और सब्जी मंडी होने के कारण विभिन्न प्रकार के किसानों के वाहन और विभिन्न गांव से आने वाले लाखों लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। जिम्मेदारों अभी भी लोगों को सिर्फ विश्वास दिला रहे हैं बल्कि पर्दे के पीछे कुछ अलग ही राजनीति चल रही है।