मंदसौर: मां और बेटे ने मिलकर बहू को जिंदा जला डाला, बेटा नहीं हुआ था इसलिए करते थे टॉर्चर, आजीवन कारावास की सजा

मंदसौर में पति और सांस ने मिलकर बहू को जिंदा जलाया 2022

मंदसौर जिले में बीते कल एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जिसमें मां और बेटे ने मिलकर उनकी बहू को जिंदा जला डाला। एडीजे आशीष टांकले ने जानकारी देते हुए बताया कि मां और बेटे ने मिलकर बहू को बहुत परेशान किया और लड़का पैदा नहीं होने पर अपनी ही बहू को जिंदा जला दिया। बहू को जिंदा जलाने और मानसिक रूप से तंग करने पर एडीजे आशीष टांकला ने सास और पति को कारावास की सजा सुनाई गई है। आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ-साथ सास और पति पर पांच पांच हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। अपर लोक अभियोजक आर एस चंद्रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना 1 अक्टूबर की है जब चचावदा पठारी निवासी मायाबाई को उसका पति और सास अधजली हालत में गरोठ के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे थे। 

बेटियों को रामलीला देखने भेज दिया, पति ने केरोसिन डालकर लगा दी आग 

गरोठ अस्पताल में मायाबाई की हालत गंभीर थी इसलिए मायाबाई को झालावाड़ रेफर किया गया था लेकिन झालावाड़ अस्पताल में भी स्थिति गंभीर होने के कारण मायाबाई के परिजनों द्वारा उसे इंदौर प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया। मायाबाई ने मरने से पहले इंदौर तहसील दार को अंतिम बयान देते हुए बताया था कि उसके पति हरीश उर्फ हरिशंकर पिता राम गोपाल पुरोहित उम्र 30 वर्ष और उनकी सांस सुमित्रा बाई पति राम गोपाल पुरोहित उम्र 60 वर्ष ने मायाबाई की दोनों बेटियों को रामलीला देखने के लिए भेज दिया था। इसके बाद पति हरिशंकर और सास सुमित्रा बाई ने मिलकर बहू पर केरोसिन डालकर आग लगा दी। मायाबाई ने अंतिम बयान में यह भी बताया कि उसकी सास और उसका पति उसे मेटा नहीं होने पर परेशान करता रहता था। 

महिला के अंतिम बयान ने सास पति को पहुंचाया सलाखों के पीछे

महिला ने इंदौर तहसीलदार को यह अंतिम बयान देते हुए अंतिम सांस ले ली। जब पुलिस ने मायाबाई के पति और सांस से पूछताछ की थी तो उन्होंने बताया था कि चिमनी से केरोसिन ढुलने के कारण मायाबाई आग में जल गई थी लेकिन मायाबाई ने मरते मरते बयान में सब कुछ सत्य बता दिया। गरोठ के तत्कालीन एसआई महेंद्र सिंह ने घटनास्थल का निरीक्षण किया था। पुलिस ने अन्य लोगों और दोनों बेटियों से भी बयान लिए जिसमें मामला संदिग्ध नजर आने लगा था। इसका बाल इंदौर तहसीलदार ने अस्पताल में जाकर मायाबाई से दोबारा पूछताछ की जिसमें मामला हत्या का प्रयास करने का निकला और पुलिस ने सास और पति को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

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