मंदसौर: जल समस्या पर 52 करोड़ खर्च के बाद भी चिंता रामघाट में 4 फीट पानी और कालापाठा में 21 इंच, जल संकट की आशंका

गर्मी शुरू नहीं हुई और अभी से दिखने लगी जल समस्या 

फिलहाल गर्मी का मौसम शुरू भी नहीं हुआ है और अभी से मंदसौर जिले में जल की समस्या सामने आने लगी है। मंदसौर को गर्मी के दिनों में जल संकट से राहत प्रदान करने वाले स्त्रोत भी खाली पड़े हैं और इनमें भी कुछ पानी ही बचा है। प्रशासन ने प्रतिवर्ष होने वाली जल समस्या से छुटकारा पाने के लिए ₹52 करोड़ का खर्चा किया था और बांधों को रीडेवलपमेंट किया था। इतने पैसे खर्च करने के बावजूद भी शहर में जल की समस्या दूर नहीं हुई है। इसका मुख्य कारण यह है कि प्रशासन ने चंबल का पानी मंदसौर पहुंचाने के लिए काफी पैसे जरूर खर्च किए हैं लेकिन उसका लाभ मंदसौर शहर को नहीं मिल पा रहा है क्योंकि हर बार संबल योजना में कुछ ना कुछ कमी निकल रही है और अब तो कार्य पूरी तरीके से रुक चुका है। 52 करोड रुपए खर्च करने के बावजूद भी प्रशासन चंबल का पानी मंदसौर लाने में सफल नहीं हो पाया है।

चिंता रामघाट में 4 फीट और काला भाटा में 21 इंच बचा पानी 

गर्मी के दिनों में शहर को जल संकट से मुक्त कराने वाले मुख्य स्त्रोत भी तेजी से खाली होते नजर आ रहे हैं। फिलहाल गर्मी का मौसम शुरू भी नहीं हुआ है और चिंता रामघाट में 4 फीट पानी और काला भाटा बाद में 21 इंच पानी ही बचा है। इससे आने वाले समय में जल समस्या की पूरी संभावना जताई जा रही है।रामघाट बैराज बांध पर बांध के दूसरी साइड भरा नदी का पानी भी प्रशासन द्वारा पंप के माध्यम से इकट्ठा कर लिया गया है। चंबल नदी का पानी मंदसौर लाने की योजना कई महीनों पहले पूरी हो चुकी है लेकिन बार-बार आने वाले तकनीकी दिक्कत के कारण चंबल का पानी मंदसौर नहीं पहुंच पाया है। जब चंबल योजना का कार्य शुरू किया गया था तब से ही उसमें रुकावटें ही रुकावटें आ रही है। अभी भी रोजाना मंदसौर में इतना पानी नहीं मिल रहा है जितना जनता को सप्लाई करना पड़ता है। प्रशासन द्वारा खर्च किए गए इतने पैसों का कुछ फायदा नहीं नजर आ रहा है।

बारिश में भर गए थे सभी डैम, चंबल योजना के भी दोनों पंप चालू 

जब चंबल योजना में तकनीकी दिक्कतें आ रही थी तो नगरपालिका ने बारिश के समय जब जिले के सभी डैम लबालब भर चुके थे उस समय नगर पालिका ने ठेकेदार को कहा था कि चंबल योजना में आने वाली सभी दिक्कतों को दूर किया जाए और जल्द ही चंबल का पानी मंदसौर में लाया जाए। इसके बाद ठेकेदार ने 2 महीने का वक्त मांगा था और दोबारा से पूरी लाइन की जांच करना शुरू कर दी थी इसके बाद ठेकेदार ने जहां कहीं भी दिक्कत आ रही थी उसे सही किया और 2 महीनों में चंबल योजना के दोनों पंप चालू हो गए। चंबल लाइन के दोनों पंप जरूर चालू किए गए हैं लेकिन अभी भी मंदसौर में इतना पानी नहीं आ पा रहा है जिससे जनता की जरूरते पूरी हो सके। वर्तमान में मंदसौर जिले में 32 लाख नल कनेक्शन मौजूद है, ऐसे में नगर पालिका को सभी लोगों तक पानी पहुंचाना पड़ता है। लेकिन फिलहाल जल का स्तर देख लग रहा है कि आने वाले समय में दोबारा जल समस्या पैदा हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *