mp में नई शराब नीति: शराब होगी 13% सस्ती, सुपर बाजार में बिकेगा वाइन, करोड़पति को मिलेगा होम बार लाइसेंस

 मध्यप्रदेश आबकारी शराब नीति 2022-23

मध्यप्रदेश में अब आमदनी बढ़ाए जाने के लिए नई आबकारी नीति लाई गई है जिसमें ड्यूटी कम करने के लिए शराब सस्ती की जाएगी। ड्यूटी में कमी होने से शराब 10 से 13% सस्ती की जाएगी। प्रदेश के चार सबसे बड़े नगर इंदौर ,ग्वालियर ,जबलपुर और भोपाल के चयनित बाजारों में वाइन को बेचने के लिए काउंटर संचालित किए जाएंगे। आने वाले नए वित्त वर्ष में ग्राहक एक ही दुकान से देशी और विदेशी दोनों प्रकार की शराब खरीद सकते हैं। भोपाल और इंदौर में माइक्रोब्रेवरीज खोलने की अनुमति दी जाएगी। इसमें यह भी फैसला लिया गया है कि महुआ के फूल से शराब बनाने की इकाई खोली जाएगी। यह कार्य सिर्फ अलीराजपुर और डिंडोरी क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी समाज के व्यक्ति ही पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसे कर पाएंगे। यह सारे प्रावधान वर्ष 2022-23 की आबकारी नीति में किए गए हैं। इस नीति को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी भी दे दी गई है।

करोड़पतियों को दिया जाएगा होम बार लाइसेंस

नई आबकारी नीति में विशेष सावधान यह किया गया है कि अब से प्रदेश के करोड़ों पतियों को होम बार लाइसेंस दिया जा सकेगा। प्रदेश में जिस व्यक्ति की वार्षिक आय ₹10000000 से अधिक होगी उसे घर पर बार खोलने और घर पर दो बोतल से अधिक शराब रखने का अधिकार दिया जाएगा। हालांकि लाइसेंस खरीदने वाले व्यक्ति को उसके लिए ₹50000 का शुल्क चुकाना पड़ेगा। आंकड़े बताते हैं कि मध्य प्रदेश में वार्षिक आय एक करोड़ से अधिक कमाने वाले लोगों की संख्या 4500 है। यह सभी लोग ₹50000 जमा करवा कर होम बार लाइसेंस खोल सकते हैं। यह लाइसेंस खरीदने के बाद वह अपने घर में शराब की 2 बोतल से अधिक बोतले रख सकते हैं। आज से 7 साल पहले भी शिवराज सरकार ने ₹10000 देकर लाइसेंस खरीद कर घर पर शराब की 100 बोतलें रखने का आदेश जारी किया था लेकिन जनता द्वारा विरोध किया गया कि अगर ऐसा होगा तो हर घर में शराब की दुकानें लग जाएगी इसलिए शिवराज सरकार द्वारा फैसला वापस ले लिया गया था।

आदिवासी बनाएंगे हेरीटेज मदिरा, नई दुकान को मंजूरी नहीं

महुआ के फूल से बनी शराब को हेरीटेज मदिरा की मान्यता देने के लिए अलग से नीति लाई जाएंगी। नई नीति में बताया गया है कि वर्तमान में अलीराजपुर और डिंडोरी इलाके में पायलट प्रोजेक्ट पर कार्य किया जाएगा। इसके तहत आदिवासी लोगों को शराब बनाने की इकाई के लिए मंजूरी दी जाएगी। इसके साथ ही इसकी बिक्री भी वह कर सकते हैं और प्रदेशभर में भी इसे भेज सकते हैं। वाणिज्यिक कर विभाग में दुकान खोलने का भी प्रस्ताव रखा था लेकिन यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री द्वारा मना कर दिया गया। राज्य सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में नई दुकानें नहीं खोली जा सकेगी। पहली बार ऐसी व्यवस्था भी की जा रही है कि ठेकेदार को पहली ड्यूटी का 85% माल उठाना पड़ेगा। ठेकेदार द्वारा ऐसा नहीं किया गया तो उस पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।

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