जल्द पूरा हो जाएगा सहस्त्र शिवलिंग मंदिर का कार्य 2022
भगवान पशुपतिनाथ मंदिर मंदसौर के समीप बन रहे सहस्त्र शिवलिंग मंदिर का कार्य अंतिम चरणों में चल रहा है। सहस्त्र शिवलिंग मंदिर का निर्माण 2 साल पहले हो जाना था लेकिन कोरोना महामारी और कार्य में पूर्ति नहीं होने के कारण मंदिर का निर्माण अभी तक चल रहा है लेकिन कुछ महीनों से लगातार कार्य होने के कारण मंदिर अंतिम चरणों में है। मंदिर में अब सिर्फ लोरिंग का काम बाकी रह गया है। इसके साथ-साथ मंदिर में स्थापित होने वाली प्रतिमा पर ब्रजलेप और प्रतिमा स्थापित करने के लिए जलाधारी बनकर तैयार हो चुकी है और गुजरात से मंदसौर भी पहुंच चुकी है। शास्त्र शिवलिंग मंदिर मंदसौर में जिस जलाधारी पर शिवलिंग स्थापित होगी उसका वजन साढ़े तीन टन है। ठेकेदार द्वारा बताया गया है कि अगर कार्य ठीक-ठाक चलता रहा तो आने वाली शिवरात्रि पर भगवान पशुपतिनाथ महादेव के साथ-साथ सहस्त्र शिवलिंग की दुर्लभ प्रतिमा के दर्शन भी भक्तों को मिल सकेंगे।
गुजरात के अंबा माता के निकट तैयार हुई है यह विशेष प्रतिमा
शास्त्र शिवलिंग मंदिर मंदसौर का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। जानकारी में बताया गया है कि मंदसौर पहुंचने वाली साढ़े तीन टन वजनी जलाधारी को विशेष रूप से गुजरात के अंबा माताजी के निकट स्थित फैक्ट्री में बनाया गया है। इसी विशेष जलाधारी में स्वास्थ्य शिवलिंग प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। गुजरात से विशेष जलाधारी मंदसौर पहुंचने के बाद कलेक्टर गौतम सिंह ने भी शास्त्र शिवलिंग मंदिर पहुंचकर मंदिर निर्माण और अन्य कामों का निरीक्षण करते हुए जलाधारी की प्रशंसा की। साढ़े तीन टन की शास्त्रों के अनुसार शास्त्र शिवलिंग की प्रतिमा स्थापित करने के लिए बनाई गई विशेष जलाधारी मंदसौर पहुंच चुकी है। फिलहाल इस जलाधारी को मंदिर परिसर में ही रखा गया है। अब शुभ मुहूर्त देखकर इस जलाधारी को घर पर ग्रहण में रखा जाएगा और उसके बाद जलाधारी पर शास्त्र शिवलिंग प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। यह सब कार्य पूरा होने के बाद विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चार के बाद इसकी स्थापना का कार्य पूरा किया जाएगा।
सहस्त्र शिवलिंग मंदिर के गेट को दिया जाएगा भव्य आकार
सहस्त्र शिवलिंग मंदिर का निर्माण होने के बाद भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन करने वाले भक्तों के लिए भी दर्शन व्यवस्था बदल दी जाएगी। सहस्त्र शिवलिंग मंदिर का निर्माण होने के बाद भक्त भगवान पशुपतिनाथ महादेव समेत रणजीत हनुमान और उसके बाद सहस्त्र शिवलिंग के दर्शन करने के बाद बाहर आ सकेंगे। इसी व्यवस्था को आगे बढ़ाते हुए सहस्त्र शिवलिंग मंदिर और बड़ी पुलिया के समीप एक गेट बनाया जाएगा। शास्त्र शिवलिंग मंदिर के लिए बनाए जाने वाले गेट का ड्राइंग डिजाइन भी तैयार किया जा चुका है। मंदिर का आकार भव्य, ऐतिहासिक और शास्त्रों के अनुसार हों इसके लिए भी सहस्त्र शिवलिंग मंदिर के गेट को बनाने में ड्राइंग का ध्यान रखा गया है। बताया जा रहा है कि जल्द ही मंदिर का कार्य पूरा हो जाएगा और भक्तों को शास्त्र शिवलिंग प्रतिमा के दुर्लभ दर्शन करने को मिलेंगे।