मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर क्यों शुरू हुआ विवाद, पूरी खबर पढ़कर जानिये मंदसौर टुडे पर
मध्य प्रदेश में सात साल बाद हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर अनिश्चितता की स्थिति
मध्यप्रदेश पंचायत के चुनाव का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।मध्य प्रदेश में सात साल बाद हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है।उधर आगे बढ़ रही है राज्य निर्वाचन चुनाव की प्रक्रिया।दरअसल, सरकार ने मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश के माध्यम से कमल नाथ सरकार के समय किए गए परिसीमन को निरस्त कर दिया। पुराना आरक्षण हुआ लागू। पंचायत चुनाव की करी राज्य निर्वाचन आयोग ने घोषणा।
जया ठाकुर,कांग्रेस के प्रवक्ता सैयद जाफर सहित अन्य ने पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम की विरुद्ध बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी लेकिन अभी भी न्यायालय से राहत नही मिली।इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई तो वहां से फिर हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर करने के लिए कहा गया।
विधानसभा में कांग्रेस के स्थगन प्रस्ताव पर बहस के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार सभी कानूनी पहलूओं पर अध्ययन कर रही है और सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी। मंगलवार को याचिका दायर कर दी गई और गुरुवार को जल्द सुनवाई के लिए आग्रह भी किया गया। साथ ही विधानसभा में सर्वसम्मति से संकल्प पारित किया गया कि प्रदेश में बगैर ओबीसी आरक्षण के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव न कराए जाएं।