सब्जी मंडी में स्थानीय सब्जियों की आवक बढ़ने से भावों में गिरावट 2021
मंदसौर जिले में जैसे ही ठंड ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू किया वैसे ही फसलों ने भी खिलना शुरू कर दिया है। ठंड के जोर पकड़ने के साथ-साथ मंदसौर सब्जी मंडी में स्थानीय सब्जियों की आवक अचानक बढ़ गई है। मंदसौर सब्जी मंडी में अचानक आग बढ़ने के कारण सभी हरी सब्जियों की कीमत एकदम घट गई है और आधी ही रह गई है। पिछले 3 दिनों में अचानक हरी सब्जियों के दामों में गिरावट देखने को मिली है। जानकारी में बताया गया है कि पिछले महीने मावठे की बौछारों के कारण अपने दामों में आसमान छू रही हरी सब्जियों में 50 फ़ीसदी का अंतर आ गया है। इससे अब सब्जी मंडी की रौनक भी जाने लगी है।
आम आदमी की पहुंच से दूर सब्ज़ियों की कीमत अब आधी हो गई
जो हरी सब्जियां अभी तक आम लोगों की पहुंच से दूर थी ,वही सब्जियों की कीमत अब आधी हो गई है। उदाहरण के लिए देखा जाए तो जहां कुछ दिनों पहले हरे मटर 100 रुपए किलो बिक रहे थे वही 3 दिनों में ₹40 किलो पर पहुंच गए हैं। टमाटर भी सब्जी मंडी में जहां 110 रूपए प्रति किलो तक बिक रहे थे वहीं अब 50 रूपए प्रति किलो पर पहुंच गए हैं। कुछ दिनों पहले आम आदमी की पहुंच से दूर रहीं पत्ता गोभी , मैथी, पालक और आलू के भाव अब आधे ही रह गए हैं। जानकारी में बताया गया है कि ठंड का असर बढ़ जाने और स्थानीय सब्जियों की आवक अधिक हो जाने के कारण भाव में गिरावट आई है।
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से आ रही है भरपूर हरी सब्जियां
जानकारों ने बताया कि आलू और प्याज के दाम पहले ही कम चल रहे हैं। इसके अलावा सीजन वाली सब्जियों की आवक बढ़ जाने के कारण दाम आधे ही रह गए हैं। सब्जी विक्रेता हीरालाल चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले महीने मावठे की बौछार और शादियां होने के कारण सब्जियों के दाम बढ़ गए थे। तब सब्जियों की आवक भी कम हो रही थी लेकिन अब भरपूर मात्रा में हरी सब्जियां जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से किसान ला रहे हैं जिससे दामों में गिरावट देखने को मिली है। सब्जियों के दाम बढ़ने की कोई संभावना नहीं नजर आ रही है। हालांकि आगे जाकर सब्जियों के नाम और गिर सकते हैं।