वाह राजनीति: नीमच में जीवित को मारकर निकाल ली मुख्यमंत्री संबल योजना से अंत्येष्टि सहायता राशि, कागजो में हो चुकी है दो साल पहले मौत

 

मध्यप्रदेश सरकार जहां प्रदेश में गरीबों की आर्थिक मदद के लिए योजनाएं पर योजनाएं निकाल रहीं हैं लेकिन राजनीति में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इन योजनाओं का गलत फायदा उठा रहे हैं और गरीबों तक तो बिल्कुल भी लाभ नहीं पहुंचा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला नीमच जिले के जीरन में सामने आया है। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा चलाई गई गरीबों के लिए मुख्यमंत्री संबल योजना चलाई थी लेकिन यहां इसका गलत फायदा उठाया जा रहा है। सरकार इन योजनाओं को इसलिए चलाती है ताकि देश में रहने वाले गरीब लोगों को किसी का सहारा नहीं लेना पड़े लेकिन कुछ भ्रष्ट राजनीतिक कार्यकर्ता इन योजनाओं को भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ा देते हैं।

जिंदे व्यक्ति को कागजों में बता दिया मृत व्यक्ति 

भ्रष्टाचार से जुड़ा एक ऐसा ही मामला जीरन तहसील के गांव अमावली जांगीर का सामने आया है जहां पर सरपंच और सचिव ने मिलकर गांव में रहने वाले एक बाप बेटे को कागजों में मृत घोषित कर दिया और मुख्यमंत्री संबल योजना से पैसे निकाल लिए। गांव अखेपूर में रहने वाले एक पिता और पुत्र को सचिव और सहायक सचिव की मिलिभगत ने मृतक घोषित कर दिया। उसके बाद सचिव ने जिंदा व्यक्ति के नाम पर मुख्यमंत्री संबल योजना के तहत पहले अंत्येष्टि की राशि निकाली गई। इसके बाद मुख्यमंत्री संबल योजना के तहत ही ₹200000 की राशि नीमच के पंजाब नेशनल बैंक में ट्रांसफर करवाई गई।

पिता और पुत्र को कैसे पता चला कि वह कागजों में मर चुके हैं

सचिव और सहायक सचिव ने अखेपूरा के निवासी शंकर लाल मीणा उम्र 31 वर्ष और पृथ्वीराज मीणा उम्र 50 वर्ष को जनवरी 2021 में पता चला कि उनकी मृत्यु 2 साल पहले कागजों में हो चुकी है और इसी कारण उनको राशन नहीं मिल रहा था। यह जब राशन की दुकान पर राशन लेने गए तो उन्हें बताया गया कि कागजों में 2 साल पहले ही इनकी मृत्यु हो चुकी है और इस कारण उन्हें अन्य किसी भी प्रकार की सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। भारत सरकार की आयुष्मान योजना में बाप एवं बेटे दोनों अपात्र हो गए। कोरोना काल में सरकार द्वारा दी जाने वाली हितग्राही योजना से भी वह इसलिए वंचित रह गए क्योंकि कागजों में उनकी मृत्यु हो चुकी है।

आज भी राशन के लिए भटक रहे हैं बाप बेटे

जब मामले का खुलासा होने लगा और धीरे-धीरे सभी बातें सामने आने लगी तो ग्राम सचिव विजय जैन ने अपना ट्रांसफर करवा लिया। इस मामले से विवाद जैसी स्थिति पैदा हो रही है। आज भी दोनों बाप बेटे राशन के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। मामले के बारे में जब तत्कालीन सचिव विजय जैन से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मैंने कोई गलती नहीं की है सारी गलती नीमच जनपद की है क्योंकि उन्होंने ही गलत डाटा चढ़ाया होगा। इस मामले में वर्तमान सचिव अशोक जैन ने कहा है कि मैं इसकी आगे तक जांच करवा लूंगा। दोनों बाप बेटे अभी भी हर योजना के लिए भटक रहे हैं लेकिन इनको लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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