प्रशासन द्वारा सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई करना और अतिक्रमण को हटाने के लिए लगातार अभियान चला रही है। जिले में इस सप्ताह भी प्रशासन द्वारा दो बड़ी कार्यवाही की गई है। सरकार द्वारा जनता के लिए बनाए जाने वाले प्रोजेक्ट और परियोजनाओं में भूमि की कमी और सरकारी जमीनों पर रसूख के कब्जे को हटाने के लिए प्रशासन एक के बाद एक कार्यवाही करता जा रहा है। वहीं सरकारी आंकड़ों के आधार पर कुछ और दस्तावेजों की जांच में चल रही है। इसके बाद कुछ और कार्यवाही सामने आने की संभावना लग रही है।
एमआईटी इंस्टिट्यूट से 60 करोड़ की जमीन कराई गई मुक्त
पूर्व मंत्री नाहटा की संस्था एमआईटी (मंदसौर इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी) से करीब ₹60 करोड़ की जमीन और बोतल गंज में स्लेट कारोबारियों से करीब सवा करोड़ की जमीन को मुक्त कराया गया है। अब मुक्त कराई गई जमीन पर सरकार का अधिकार रहेगा। वहीं दूसरी तरफ जिले के आंचलिक इलाकों में भी अब रसूखदारों के क़ब्जे को लेकर हलचल होने लगी है। प्रशासन द्वारा सरकारी जमीन से कब्जा हटाने को लेकर 3 शैल भंडार करता पर कार्यवाही की गई है। इसमें सबसे चर्चित कार्यवाही पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहटा के परिवार से एमआईटी संस्था से 60 करोड़ की 6 हेक्टेयर जमीन को कब्जा मुक्त करवाने से लेकर बोतल गंज में भी सवा करोड़ की जमीन को मुक्त किया गया है।
कब्जा करने वालो को चिन्हित कर कार्यवाही की जाएगी
प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा है कि कई सारे लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है।अब सभी लोगों को चिन्हित कर अतिक्रमण हटाया जाएगा और उन पर उचित कार्यवाही की जाएगी। सर्वप्रथम एमआईटी कॉलेज से लगभग 6 हेक्टेयर भूमि मुक्त करवाई गई। उसके बाद बोतल गंज में जाकिर बाबू हुसैन पिता मोहम्मद हुसैन पैमला द्वारा स्लेट पेंसिल के कारखाने को बनाया था जिसे विभाग की टीम द्वारा जमींदोज कर दिया गया है। इस प्रकार से विभाग ने एक ही दिन में करीब 62 करोड़ रुपए की जमीन को मुक्त करवाया है और एक ही दिन में दो बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया है। अधिकारियों का कहना है कि धीरे-धीरे सभी सरकारी जमीनों को मुक्त कराया जाएगा और अतिक्रमण करने वालों पर कार्यवाही की जाएगी।