मंदसौर जिला अस्पताल में लगातार हो रही है डॉक्टरों की कमी, बच्चों के इलाज में आएगी दिक्कतें

 मंदसौर जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी 2021

जिला प्रशासन मंदसौर जिला अस्पताल को स्वास्थ्य सुविधाओं में बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों की कमी होती ही जा रही है। डॉक्टर की कमी होने के कारण गरीब मरीजों को परेशानी हो रही है। 500 बेड वाले मंदसौर जिला अस्पताल में पहले ही चिकित्सकों की कमी थी और अब एन एन सी यू में पदस्थ चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ प्रकाश कारपेंटर ने भी इस्तीफा दे दिया है। डॉ प्रकाश कारपेंटर मंदसौर जिला अस्पताल में पिछले 10 सालों से अपनी सेवा दे रहे थे। डॉक्टर प्रकाश कारपेंटर के इस्तीफा देने के बाद मंदसौर जिला अस्पताल में अब बच्चों के लिए सिर्फ दो चिकित्सक ही बचे हैं।

मंदसौर जिला अस्पताल में डॉक्टरों की मांग की गई है

मंदसौर जिला अस्पताल में अत्यधिक काम होने के कारण बचे हुए चिकित्सकों ने सीएमएचओ से मुलाकात की है और जल्द से जल्द मंदसौर जिला अस्पताल में डॉक्टरों की व्यवस्था करने की मांग की है। इसके साथ-साथ चिकित्सकों ने चेतावनी भी दी है कि अगर मंदसौर जिला अस्पताल में चिकित्सकों की व्यवस्था नहीं की गई तो बचे हुए डॉक्टर भी इस्तीफा दे देंगे। अस्पताल में काम अधिक होने के कारण डॉक्टर जिला अस्पताल को पसंद नहीं कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग को जल्द ही व्यवस्थाओं में बदलाव करना चाहिए और डॉक्टर के काम को कम करना चाहिए। इससे शासकीय अस्पतालों में चिकित्सकों की संख्या बढ़ेगी और वह कार्य करना पसंद भी करेंगे।

मरीजों की परेशानी बढ़ना तय हो गई है

डॉक्टर प्रकाश कारपेंटर द्वारा इस्तीफा देने के बाद यह बात तय हो गई है कि अब गरीब मरीजों की समस्या बढ़ेगी। डॉक्टर प्रकाश कारपेंटर के इस्तीफा देने के बाद डॉक्टरों की कमी और गहरा गई है और मरीजों की परेशानी बढ़ रही है। डॉ प्रकाश कारपेंटर ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखते हुए कहा है कि उनकी नियुक्ति मंदसौर जिला अस्पताल में 20 अप्रैल 2011 को हुई थी और वह एनआईसीयू के प्रभारी थे। उन्होंने यह भी कहा कि कार्य का अधिक भार होने के कारण मैं अपने परिवार की तरफ ध्यान नहीं दे पा रहा हूं। इन्हीं परेशानियों के कारण मैंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। इनके इस्तीफा देने के बाद बच्चों के एसएनसीयू में दिक्कत आएगी। जिला अस्पताल में प्रथम श्रेणी में 39 में से सिर्फ 4 चिकित्सक ही उपलब्ध है। द्वितीय श्रेणी में 23 में से 15 ही मौजूद है। ऐसे में 500 बेड के अस्पताल में सिर्फ 20 चिकित्सक ही मौजूद है।

काम की अधिकता से जिला अस्पताल में नहीं आ रहे हैं चिकित्सक

चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर प्रकाश कारपेंटर के इस्तीफा देने का कारण भी यही रहा है कि जिला अस्पताल में काम अधिक होने से वह खुद और परिवार की तरफ ध्यान नहीं दे पा रहे थे। इस कारण उनको अस्पताल में कार्य करना पसंद नहीं आया और उन्होंने इस्तीफा दे दिया। जिला अस्पताल में कोई नया डॉक्टर आना भी नहीं चाह रहा है क्योंकि यहां पर काम अधिक करना पड़ता है। इसलिए यहां कोई आना पसंद नहीं कर रहा है। अगर कोई चिकित्सक आता भी है तो एक साल या 6 महीने में अस्पताल छोड़ कर चला जाता है। सीएमएचओ डॉ के एल राठौर ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को नियमों में फेरबदल करने की आवश्यकता है। ताकि चिकित्सक अस्पताल में आ सके।

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