कैसे बनेगा मंदसौर नंबर 1: जिले की नौ गौशालाओं में बिजली कनेक्शन ही नहीं है, गोवंश सड़कों पर निकाल रहे जिंदगी

जहां हर रोज मंदसौर को नंबर वन पर लाने की बात कही जाती है लेकिन प्रशासन उसके हिसाब से कार्य नहीं करता है। शहर में हर सड़क पर गोवंश विचरण करते दिख जाते हैं क्योंकि इनको गौशाला में सही सुविधाएं नहीं मिलती है। जिले की नौ गौशाला अभी भी ऐसी है जिनमें अभी तक बिजली कनेक्शन नहीं हो पाया है। शहर की सड़कों पर घूम रहे गोवंश को आसरा देने के लिए शासन द्वारा शासन द्वारा पहले चरण में जिले में 32 गौशालाओं का निर्माण किया गया था। इनमें से वर्तमान में 30 गौशालाओं का संचालन शुरू हो गया है और बची हुई दोनों गौशालाओं का भी जल्द ही शुरू होने वाला है।

नौ गौशालाओं में बिजली अभी तक नहीं पहुंची है

जिले की इन गौशालाओं में से 9 गौशाला ऐसी है जहां पर अभी तक बिल्कुल बिजली ही नहीं पहुंची है। इसके कारण गोशाला संचालन में दिक्कत आ रही है। अधिकारियों ने कहा है कि इस कार्य को पूरा करने के लिए बजट की जरूरत है। इसके लिए आगे पत्र भी भेज दिया गया है और बजट का इंतजार किया जा रहा है। गौशालाओं में विद्युत व्यवस्था नहीं होने से शाम होते ही समस्या पैदा हो जाती है हालांकि कुछ गौशालाओं में संचालन समिति ने अपनी ओर से गौशालाओं को रोशन कर रखा है। जिले में दूसरे चरण में 42 गौशालाओं का निर्माण हो रहा है लेकिन अभी तक पहले चरण में बनी गौशालाओं में भी विद्युत नही पहुंच पाई है। पिछले डेढ़ साल से गौशालाओं में विद्युत नहीं आ पाई है।

18000 पशु रोजाना सड़कों पर विचरण करते हैं

मंदसौर जिले में पूर्व में संचालित हो रही 23 गौशालाओं में 8500 गोवंशी है लेकिन फिर भी जिले भर में 18 हजार गोवंश सड़कों पर ही घूम रहे हैं। इनको कोई सुविधा नहीं मिलने से खेतों और ग्रामीण इलाकों में घूमते रहते हैं। पशुपालन विभाग के अनुसार गरोठ और भानपुरा क्षेत्र में अधिक बिना आश्रय वाले गोवंश हैं। अकेले मंदसौर शहर में रोजाना 1000 से अधिक गोवंश सड़कों पर घूमते रहते हैं। ग्रामीण इलाकों में खेतों में नुकसान कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा है कि दूसरे चरण में बन रही 42 गौशालाओं का संचालन शुरू होने के बाद सभी गोवंश को आसरा मिल जाएगा।

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