Mandsaur mandi bhav 2021
मंदसौर कृषि उपज मंडी में अगर 2 दिन का भी अवकाश रह जाता है तो अगले 3 दिनों के लिए मंडी की पूरी व्यवस्था बिगड़ जाती है। 3 दिनों के अवकाश के बाद जब सोमवार को मंडी खुली तो मंगलवार शाम तक भी 4 किलोमीटर लंबी वाहनों की कतारें लगी रही और किसानों को 1 दिन में भी मंडी में प्रवेश नहीं मिला। मंडी प्रशासन ने शाम 6:00 बजे जाकर किसानों को मंडी में प्रवेश देना शुरू किया। इंदौर के बाद मंदसौर मंडी प्रदेश की सबसे बड़ी मंडी मानी जाती है इसलिए यहां पर दूर-दूर से किसान अपनी उपज लेकर आते हैं क्योंकि यहां पर हर उपज के नाम दूसरी मंडियों के मुकाबले अच्छे मिल जाते हैं।
दूर दूर से आती है मंदसौर मंडी में लहसुन
लहसुन और प्याज के लिए मंदसौर मंडी प्रदेश में सबसे ऊपर आती है और इसीलिए यहां पर मंदसौर ही नहीं बल्कि रतलाम, आगरा, उज्जैन और शाजापुर सहित अन्य जिलों के किसान भी आते हैं। दूर-दूर से किसानों के आने के कारण मंडी में काफी भीड़ हो जाती है और कुछ ही किसानों को मंडी में प्रवेश मिल पाता है। यह स्थिति उसी दिन पैदा होती है जब दो या तीन दिनों तक मंडी बंद रह जाती है और उसके बाद किसानों को मंडी में प्रवेश के लिए 2 दिनों तक इंतजार करना पड़ता है।
मंडी में लहसुन 11,500 बिका
मंदसौर में लहसुन अधिकतम 11500 रुपए प्रति क्विंटल बिका। उज्जैन जिले के किसान सुरेंद्र ने बताया कि प्रदेश की अन्य मंडियों की तुलना में मंदसौर मंडी में अच्छे भाव मिल रहे हैं। इसी कारण दूर-दूर से किसान मंदसौर मंडी में उपज लेकर आ रहे हैं। किसानों ने बताया कि रविवार सुबह से ही मंडी में प्रवेश करने के लिए लाइन लगी हुई है लेकिन सोमवार शाम तक भी मंडी में प्रवेश नहीं मिल पा रहा है। किसानों की अधिक आवक होने के कारण प्रशासन ने नीलामी के बाद ही 6:00 बजे से वाहनों को प्रवेश देना शुरू कर दिया। मंदसौर कृषि उपज मंडी में सोमवार को लहसुन 20000 बोरी, गेहूं 2000 बोरी और प्याज की 2000 बोरी आवक हुई।