पिपलिया मंडी में किसानों द्वारा कृषि कानून वापस लेने की मांग, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

 

कृपया मंडी में मालवा किसान संगठन और संयुक्त किसान मोर्चा ने संयुक्त रुप से आधे दिन पिपलिया मंडी को बंद रखा। किसानों द्वारा पिपलिया मंडी बंद का आह्वान किया गया और इसमें कांग्रेस ने भी किसानों का साथ दिया। किसानों द्वारा मल्हारगढ़ के एसडीएम रोशनी पाटीदार को गांधी चौराहे पर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जिसमें मांग की गई कि केंद्र सरकार द्वारा चलाए गए कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और समर्थन मिलने की गारंटी दी जाए। ज्ञापन का वाचन किसान नेता अमृत राम पाटीदार ने किया और कहा कि पिछले 303 दिनों से जिले के किसान आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार उन पर ध्यान नहीं दे रही है। सरकार को किसानों की मांग को पूरा करना चाहिए।

700 से अधिक किसान शहीद हो चुके हैं

किसान नेता अमृत राम पाटीदार ने कहा कि आंदोलन करते करते हमारे 700 किसान शहीद भी हो गए हैं। यह इतिहास का सबसे बड़ा और लंबा आंदोलन है। केंद्र सरकार द्वारा चलाए गए तीनों कृषि कानूनों का विरोध करते हुए अपने हक की मांग और आने वाली फसलों और नस्लों के बचाव के लिए विषय परिस्थितियों में अपना घर छोड़कर यहां पड़ा रहना कोई शौक नहीं हो सकता। किसानों को पूरा अंदेशा है कि भारत सरकार उनके साथ कोई षड्यंत्र रच रही है। सरकार ने 2014 में सत्ता में आने के बाद हर बार वादे के खिलाफ ही गई है। यह किसी से छिपी नहीं है। इसलिए किसान इतनी विषम स्थिति में भी सामना कर रहा है। किसानों का कहना है कि कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए किसान सब कुछ कुर्बान कर सकता है।

अंग्रेजों से किसानों ने ही आजादी दिलाई थी

किसानों ने कहा है कि सरकार को शायद यह भूलना नहीं चाहिए कि अंग्रेजों से आजादी किसानों ने ही दिलाई थी। आज देश के बड़े बुद्धिजीवी इस बात को मानते भी हैं। किसानों ने अंत में कहा कि हमारा आपसे अनुरोध है कि किसानों की मांग पर संज्ञान लेते हुए आप सरकार को आदेशित करें।इस अवसर पर किसान संगठन के पदाधिकारी दिलीप पाटीदार, रामचंद्र पाटीदार, बंशी लाल पाटीदार, हंसराज पटेल, प्रेमसुख पटेल, श्यामलाल राठौर, जितेन पाटीदार, मुरली पाटीदार, महेश व्यास के साथ ही कांग्रेस के कार्यकर्ता भी मौजूद थे। सभी ने मिलकर एसडीएम रोशनी पाटीदार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।

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