मंदसौर में डेंगू ने एक विशाल रूप धारण कर लिया है। पिछले 7 सालों में पहली बार डेंगू के मरीज सामने आए हैं। अब तो जिले में डेंगू से मौत का सिलसिला भी चालू हो गया है। कोरोना महामारी में जिस प्रकार का डर लोगों में आ गया था उसी प्रकार का दौर अब डेंगू के कारण भी लोगों में आ गया है। लोग बीमार है फिर भी घरेलू उपाय ही कर रहे हैं और किसी भी प्रकार की जांच नहीं करवा रहे हैं। जिले में अब डेंगू से हर कोई डर रहा है। जिन अधिकारियों को डेंगू की बीमारी खत्म करने के लिए जिम्मेदार बनाया गया है वह खुद ही प्रशासन को गलत आंकड़े बता रही है।
इसका एक जीता जागता उदाहरण सुनिए
स्वास्थ्य विभाग द्वारा रिपोर्ट जारी कर दावा किया गया है कि भानपुरा में अभी तक सिर्फ एक ही डेंगू मरीज सामने आया है लेकिन हकीकत में भानपुरा के खेड़ा गांव में ही 10 डेंगू के मरीज हैं। यह राजस्थान में जाकर अपना इलाज करवा रहे हैं। इससे साफ पता चलता है कि जिन अधिकारियों को गांव में मरीजों की जानकारी ही नहीं है तों वह किस प्रकार से गांव वालों को इस गंभीर बिमारी से निजात दिलाएंगे।इस बिमारी से परेशान हो रहे लोगों ने इसकी शिकायत भी की थी लेकिन अभी तक लोगों की शिकायत को अनसुना किया जा रहा है।
जिले की गंदगी है डेंगू फैलने का कारण
भानपुरा के गांव हमीरगढ़ में एक रोड़ का कार्य अधूरा है और इसी कारण वहां कीचड़ में डेंगू पनप रहा है और लोग डेंगू का शिकार हो रहे हैं। इस गांव में 10 लोग डेंगू की चपेट में आ गए हैं और यह राजस्थान में जाकर भिलवाड़ा में अपना इलाज करवा रहे हैं। जिले में हर तरफ गंदगी फैली है लेकिन कोई जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहा है।शहर के कई नालों में इन दिनों गंदा पानी जमा हो रहा है। बारिश का पानी जमा होने से और नालों में लंबे समय से पानी जमा होने से बदबू मार रहा है और बड़ी संख्या में मच्छर भी पैदा हो रहे हैं। इसी गंदे पानी में लारवा भी जमा हो रहा है और जब नगर पालिका और स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के शुरुआती दिनों में लारवा नष्ट किया था उस समय लापरवाही बरती थी जिसका नतीजा आज भुगतना पड़ रहा है और जिले में 1200 से अधिक डेंगू के मरीज सामने आ चुके है। आप अपनी सुरक्षा स्वयं रखे।