वायु प्रदूषण का भारतीयों पर खतरा
दक्षिण एशिया वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक रिपोर्ट 2021 आ चुकी है जिसमें एक आश्चर्य कर देने वाली खबर सामने आई है कि देश में वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि इतने वायु प्रदूषण के कारण देश में रहने वाले 40 फिसदी लोगों की 9 साल तक उम्र कम पड़ सकती है। मध्य, पूर्वी और उत्तर भारत में रहने वाले करीब 48 करोड लोग वायु प्रदूषण के काफी खतरनाक स्तर को झेल रहे हैं। इसमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा ,झारखंड में अधिक खतरा होने की जानकारी दी गई है।
मध्यप्रदेश में हो सकती है 5 साल तक उम्र कम
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी रहने वाले लोगों की उम्र 5 साल तक कम हो सकती है। इसमें उत्तर भारत के शहर सर्वाधिक प्रदूषित है। यह खुलासा दक्षिण एशिया की वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक की रिपोर्ट में आया है। देश में धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी तो बढ़ रही है लेकिन साथ ही वायु प्रदूषण भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक लद्दाख सबसे कम खतरा है। उसके बाद अंडमान निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, गोवा और कर्नाटक में कम असर बताया गया है।
लोगों की उम्र क्यों घट रही है
पर्टिकुलर मैटर या कण प्रदूषण वातावरण में मौजूद ठोस कणो और तरल बूंदो का मिश्रण है। चूल्हा, स्टोव, उद्योग का दोहा और कई प्रकार के निर्माण कार्यों से उत्पन्न धूल वायु प्रदूषण आदि और स्त्रोत है। सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे रसायनों की मात्रा बढ़ने से वायु काफी खतरनाक हो गई है और इसी कारण खांसी, अस्थमा, ह्रदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। वायु प्रदूषण के कारण देश के पूर्वोत्तर के राज्यों में भी इसका असर हो सकता है। अगर इसे रोका नहीं गया तो आने वाला समय हमारे लिए और भी खतरनाक साबित हो सकता है।