आए दिनों बस कहते चलने से दुर्घटनाएं हो रही है लेकिन इन पर कोई कार्यवाही या नियम नहीं बन रहे हैं। मंदसौर जिले में सीतामऊ से मनासा चलने वाली दुर्गा बस के चालक द्वारा तेज गति से बस चलाने पर पिपलिया जोधा के पास आरडी फंटे के यहां अनियंत्रित हो गई और बस खाई में उतर गई। बस सीधी जाकर खाई में उतरी और किस्मत अच्छी थी कि बस ने पलटी नहीं खाई और खाई में जाकर खड़ी रह गई लेकिन फिर भी 10 यात्री गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायल यात्रियों को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। बस ड्राइवर को हिरासत में लिया गया है।
त्यौहार के कारण बस में अधिक भीड़ थी
जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि राखी के त्योहार के चलते बस में अधिक यात्री मौजूद थे और इसी कारण बस का संतुलन बिगड़ गया और बस खाई में जा गिरी। घायल यात्रियों में पंकज पिता पन्नालाल सूर्यवंशी उम्र 25 वर्ष निवासी जग्गा खेड़ी, पूजा पति कालूराम उम्र 23 साल निवासी जग्गा खेड़ी, सपना पति धन्नालाल राठौर उम्र 21 साल निवासी जग्गा खेड़ी, रेखा पति दिनेश बेरवा की उम्र 30 निवासी बांस खेड़ी, प्रिया पिता श्यामलाल बैरागी उम्र 12 निवासी पिपरिया, नीतीश पिता दिनेश बैरागी उम्र 11 निवासी बास खेड़ी, नंदू बाई पति बंसीलाल उम्र 52 निवासी आतरी माता, रघुनाथ सिंह पिता मान सिंह उम्र 60 निवासी करण खेड़ी, कावेरी बाई पति उदय राम उम्र 75 निवासी कुंडला, मनीषा पिता श्याम दास बैरागी उम्र आठ निवासी कोटडा बहादुर शामिल है।
बस के लिए अभी तक नहीं बने हैं नियम
बताया जा रहा है कि बस सीतामऊ से ही काफी तेज गति से चलाई जा रही थी और बस में ठूंस ठूंस कर सवारियां भरी हुई थी। इससे पहले भी कई घटनाएं हो चुकी है और सभी में एक मुख्य कारण रहा है कि बस में भीड़ अधिक होने के कारण बस का संतुलन बिगड़ जाता है। घटना होने के बाद प्रशासन कुछ दिनो तक इस पर सख्ती दिखाता है और फिर थोड़े दिनों बाद पहले जैसा चालू हो जाता है। बस में जितनी यात्रियों की सीटें रहती है उतनी ही सवारी होनी चाहिए या उससे कुछ अधिक हो सकती है लेकिन बस ड्राइवर लालच के चक्कर में बस खुश पुष्कर भर देते हैं और फिर एक छोटी गलती के कारण कई लोगों की जिंदगीया उजाड़ देते हैं। इसलिए कभी भी उस बस में नहीं चढ़े जिसमें पहले से अत्यधिक भीड़ हो। आप इसके लिए शिकायत भी कर सकते हैं।