मंदसौर शहर की एक नाबालिग बेटी अपने परिजनों को बिना बताए गुरुवार की रात अकेली नागदा चली गई और वहां जाकर उसने एक होटल में रात गुजारी और सुबह एक निजी स्कूल पहुंचकर नौकरी मांगने लगी। वहां पर बैठी स्कूल संचालिका को लड़की पर शक हुआ तो वह उसे पकड़ कर मंडी थाना क्षेत्र में ले गई। जब पुलिस ने उससे पूछताछ की तो लड़की पुलिस वालों को भी बातों में लगा रही थी और पुलिस वालों को भी बहलाने का प्रयास कर रही थी। पुलिस ने उसका पता पूछ कर उसके इलाके वाले थाने पर फोन लगाया तो उसके बाद मामले का खुलासा हुआ। नाबालिक ने स्कूल संचालिका को पारिवारिक स्थिति कमजोर होने का कहकर नौकरी मांगी।
नाबालिग ने पुलिस के सामने बनाई झूठी कहानी
थाने पर पूछताछ के दौरान नाबालिक में टीआई श्याम चंद्र शर्मा को झूठी कहानी सुना दी। नाबालिक ने खुद को एक सुवासरा के किराए के मकान में रहना बताया। टीआई ने जब पूछा कि वह किस के मकान में रहती है तो लड़की अपने मालिक का नाम नहीं बता सकी।लड़की ने पुलिस वालों को बताया कि उसके पापा इस दुनिया में नहीं रहे हैं और उसकी पारिवारिक स्थिति अभी कमजोर है इसलिए वह नौकरी की तलाश कर रही है। इस पर पुलिस ने उसके पर्स में रखें कागज को देखा तो पता चला कि यह वात्सल्य पब्लिक स्कूल में पढ़ती है। टीआई ने स्कूल नंबर निकाल कर उसके घर का पता लगाया तो वह पुलिस कॉलोनी से निकली। उसके बाद पुलिस ने मंदसौर फोन लगाया तो पता चला कि उसके परिजन में शुक्रवार को ही उसके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
इसलिए हुई शंका, होटल प्रबंधक की लापरवाही आई सामने
लड़की जब स्कूल संचालिका के पास गई तो उसकी तबीयत नरम लग रही थी इसलिए उसने उनको नाश्ता कराया। उसके बाद स्कूल संचालिका ने उससे अपना पता पूछा लेकिन लड़की ने सही तरीके से नहीं बताया। लड़की की सही जानकारी लेने के लिए संचालिका ने उसके पर्स को जांचा। उसमें से उसको अंक तालिका और ₹10000 नगद मिले। उसके बाद संचालिका को शक हुआ और वह नाबालिग को पुलिस स्टेशन ले गई। पुलिस द्वारा मामले की जांच करने पर होटल प्रबंधक की लापरवाही सामने आई है कि होटल प्रबंधक ने नाबालिग की आईडी देखे बिना उसे कमरा दे दिया। टीआई ने होटल प्रबंधक को भी फटकारा और अगली बार से ऐसी गलती करने पर कड़ी कार्यवाही की चेतावनी भी दी। लड़की की सूचना मंदसौर पुलिस स्टेशन पहुंचा दी गई है। सुबह मंदसौर पुलिस जाकर लड़की को ले आएगी और परिजनों को सौंप देगी।