डेंगू से सावधान: मंदसौर जिले में लगातार बढ़ रहा डेंगू का खतरा, जिले भर में डेंगू के मरीजों की संख्या 100 के पार पहुंची, कोरोना से लड़ने वाले डेंगू के आगे हो रहे पस्त

मंदसौर जिले के स्वास्थ्य विभाग में कोरोनावायरस से लड़ाई तो जीत ली लेकिन अब मंदसौर जिले के सामने डेंगू ने आक्रमण बोल दिया है। डेंगू ने दस्तक देते ही स्वास्थ्य विभाग को चेतावनी दे दी थी लेकिन स्वास्थ्य विभाग डेंगू को रोक नहीं पा रहा है। अभी तक जिले में डेंगू को रोकने के लिए सिर्फ कागजी कार्यवाही चल रही है जबकि मंदसौर में डेंगू के मामले 100 के पार पहुंच चुके हैं। अप्रैल महीने में ही डेंगू के 100 मरीज सामने आ गए हैं जबकि यह महीना डेंगू के लिए शुरुआती होता है। स्वास्थ्य विभाग का अमला अभी तक इसको रोकने में असफल रहा है और अब मौसम डेंगू के पक्ष में जा रहा है। सबसे अधिक मरीज सीतामऊ में मिले हैं जहां पर अकेले सीतामऊ में 50 से अधिक मरीज सामने आए हैं।

मंदसौर की कॉलोनियों में भी मिले हैं डेंगू के मरीज

डेंगू के कुछ मरीज मंदसौर की कालोनियों में भी मिले हैं इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग सक्रिय नहीं हो पाया है। डेंगू के अधिकतर मरीज निजी अस्पतालों में उपचार करवा रहे हैं और इनकी गिनती प्रशासन को नहीं मिल पा रही है। हालांकि जिला अस्पताल में ब्लड सेपरेशन की मशीन चालू होने के बाद लोगों को इंदौर उदयपुर नहीं भागना पड़ रहा है। इस बार तो बारिश भी कम हुई थी फिर भी यहां जुलाई के महीने में ही डेंगू ने दस्तक दे दी। मंदसौर जिले में प्रतिदिन डेंगू के मरीज मिल रहे हैं लेकिन फिर भी स्वास्थ्य विभाग इसके लिए कोई तैयारियां नहीं कर रहा है। अभी ग्रामीण इलाकों में लोग डेंगू के प्रति जागरूक नहीं हुए हैं जब तक लोग समझ पा रहे हैं उनकी हालत बिगड़ रही है। लोगों को जागरूक करने के लिए डेंगू प्रचार रथ चलाया गया है जिसमें लोगों को बीमारी से बचने और उसके लक्षण सहित उसके उपचार के लिए लोगों को गांव गांव जाकर जागरूक करेगा।

डेंगू बीमारी के लक्षण और उपचार क्या है

अगर आप डेंगू के मरीज हैं तो आपको 2 से 7 दिन तक बुखार आ सकता है। सिर दर्द और मांसपेशियां दर्द हो सकती है। जोड़ों में दर्द और आंखों में दर्द हो सकता है। गंभीर अवस्था में नाक, मसूड़ों, पेट एवं आत में खून का रिसाव हो सकता है। डेंगू के मरीज को उसके लक्षण के आधार पर उपचार दिया जाता है। मरीज को डॉक्टर की सलाह पर केवल पेरासिटामोल का सेवन करना चाहिए। मरीज को डिहाइड्रेशन नहीं हो इसके लिए उसे फलों का जूस और चावल के जूस जैसे पेय पदार्थ पीना चाहिए। आपको इस मौसम में सावधान रहने की जरूरत है इसलिए अपने घर में किसी भी कंटेनर में 5 से 6 दिन का पानी भरा नहीं रहने दे। पानी संग्रहण करने वाले बर्तन को ढक कर रखें। नया पानी भरते वक्त बर्तन को अच्छी तरह साफ कर ले और अपने शरीर को सूखा रखें। ऐसी छोटी मोटी गलतियां नहीं करें और स्वयं को डेंगू होने से बचाएं।

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