जहरीली शराबकांड: दसवें दिन हुई एक और व्यक्ति की मौत, मौत का आंकड़ा 9 तक पहुंचा, ईलाज में हुए 3 लाख खर्च, नहीं मिला आयुष्मान योजना का लाभ

 

जहरीली शराब पीने के कारण होने वाली मौतों का सिलसिला अभी रूका नहीं है। पिपलिया मंडी में जहरीली शराब पीने के कारण एक और व्यक्ति ने दम तोड़ दिया है। पीने से 10 दिनों से लगातार मंदसौर उदयपुर में इलाज पर लाखों खर्च करने के बाद भी व्यक्ति की जान नहीं बचा सके। मौत के बाद भी परिजनों को पोस्टमार्टम के लिए काफी परेशान होना पड़ा। मंदसौर पिपलिया पुलिस एक दूसरे के आने का इंतजार कहकर परिजनों को परेशान करती रहीं। इस मौत के साथ कुल मरने वालों की संख्या 9 हो गई है। वही महिला सहित दो लोग अपनी आंखें गवा चुके हैं। मरने वाला व्यक्ति बही पार्श्वनाथ में चौकीदार था जिसका नाम मांगीलाल मेघवाल पिता राम नारायण पाटीदार था। दोनों ने गांव से ही शराब खरीदी थी और उसको पीने के बाद उनकी तबीयत खराब हो गई और उन्हें मंदसौर के सिद्धिविनायक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसकी बीते रात अस्पताल में मौत हो गई।

पोस्टमार्टम के लिए परेशान होते रहे परिजन

व्यक्ति की मौत होने के बाद उसके परिजन शरीर का पोस्टमार्टम कराने के लिए परेशान होते रहे। परिजनों ने जब पोस्टमार्टम के लिए बोला तो अस्पताल वालों ने पुलिस आने तक उनको इंतजार करने की बोला। जब मंदसौर पुलिस आई तो उन्होंने बोला कि पिपलिया मंडी पुलिस आने पर पोस्टमार्टम होगा और पिपलिया मंडी पुलिस बोल रही थी कि मंदसौर वाली पुलिस पोस्टमार्टम करवाएगी। उसके बाद परिजन परेशान होते रहे और प्रदेश कांग्रेस महामंत्री श्यामलाल ने तहसीलदार और एसडीएम से चर्चा करके व्यक्ति का पोस्टमार्टम करवाया। जहरीली शराब पीने के कारण वही पार्श्वनाथ में दो लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन अभी तक पुलिस द्वारा एक पर भी कार्यवाही नहीं की गई है। अपनी मौत से पहले मरीजों ने शराब लाने वाले के नाम भी बताए थे लेकिन फिर भी पुलिस ने किसी पर कार्यवाही नहीं की है। ऐसे में पुलिस पर प्रश्न उठ रहा है।

परिजनों को नहीं मिला आयुष्मान योजना का लाभ

परिजनों ने इलाज कराने के लिए लाखों रुपए खर्च कर दिए लेकिन उन्हें आयुष्मान योजना का लाभ बिल्कुल नहीं मिला। ₹291000 का बिल बनने के बाद मरीज को उदयपुर रेफर कर दिया गया परिजनों द्वारा जब आयुष्मान योजना का लाभ उठाने की कोशिश की गई तो उन्हें योजना का लाभ नहीं दिया गया। वहां परिजनों के फिर से ₹50000 खर्च हो गए और अधिक पैसे नहीं होने पर वह फिर से मरीज को मंदसौर अस्पताल ले आए। परिजनों का कहना है कि हमने इलाज के लिए 300000 से भी ज्यादा रुपए खर्च कर दिए लेकिन शासन प्रशासन द्वारा किसी भी योजना का लाभ नहीं दिया गया। आयुष्मान योजना सरकार का सिर्फ दिखावा है यह किसी भी प्रकार से कार्य नहीं कर रही है।

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