Afeem Niti 2021-2022
किसानों को किए जाएंगे 10-10 आरी के पट्टे वितरित, सांसद सुधीर गुप्ता ने वित्त राज्य मंत्री को मांग पत्र सौंपा
Mandsaur की नई अफीम नीति में किसानों के हितों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। अफीम नीति 2021 के तहत किसानों को 10-10 आरी के पट्टे वितरित किए जाएंगे। साथ ही अफीम किराए में मूल्यवृद्धि भी की जाए ताकि किसानों को राहत मिल सके। उक्त बात सांसद सुधीर गुप्ता ने अफीम नीति वर्ष 2021-22 को लेकर नई दिल्ली में आयोजित बैठक के दौरान कहीं। सांसद सुधीर गुप्ता ने वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी को किसानों के हित में 25 सूत्रीय मांग पत्र भी सौंपा। गुरुवार को नई दिल्ली में अफीम नीति वर्ष 2021 को लेकर बैठक आयोजित हुई थी।
किसानों को हो रही समस्या को दूर किया जाए
बैठक में क्षेत्रीय सांसद सुधीर गुप्ता ने वित्त राज्य मंत्री व उपस्थित अधिकारियों के समक्ष कई सुझाव रखे। उन्होंने किसानों को आ रही परेशानियों को लेकर भी अपनी बात रखी। सांसद गुप्ता ने बैठक में कहा कि सर्वप्रथम अफीम पट्टे समय पर वितरित हो जाए। इस वर्ष किसानों का लाइसेंस 30 सितंबर के पहले जारी किया जाए ताकि समय पर फसल लगाई जा सके। समय पर लगी फसल से मार्फिन औसत की गुणवत्ता बढ़ेगी। वर्तमान में वर्ष 2014 से लगातार अफीम लाइसेंस नीति में सुधार हो रहा है पिछली नीति में हजारों किसानों को मार्फिन स्टेन्थ प्रतिशत की बाध्यता हटी है जो 9% से 15% होती थी। ऐसे में पूर्व वर्षों के दौरान जिन किसानों की मशीन 6% से लेकर 5% थी उनके पट्टे बहाल किए जाए। किसानों के खेत पर खड़ी फसल चोरी होने या जंगली पशु नीलगाय के नष्ट करने पर किसान हमेशा अपना लाइसेंस खो रहा है, इस विषय को संज्ञान में लिया जाए।
किसान की मृत्यु के बाद वारिस असमंजस में रहते हैं
कुछ अफीम पट्टे वाले किसानों की मृत्यु हो जाती है जिससे उनके बेटे असमंजस में रहते हैं या विवाद में रहते हैं इस समस्या का स्थाई समाधान किया जाए। अफीम किसानों की अफीम गुणवत्ता का परिणाम लैब से प्राप्त होता है जो नीमच में गाजीपुर में है। गाजीपुर अफीम सैंपल भेजने से लागत भी बढ़ रही है। टेस्टिंग नीमच लैब में हो साथ ही हमारी लंबे समय से मांग है कि टेस्टिंग तोल केंद्रों पर ही फाइनल रिजल्ट के साथ हो आपके आदेश से तोल केंद्रों पर ही यह परिणाम प्राप्त हो और प्रक्रिया इस वर्ष से प्रारंभ हो जाए।
1999 से पहले के भी रूके लायसंस मिल सकते हैं
सांसद सुधीर गुप्ता ने यह भी मांग की है कि वर्ष 1999 से पहले रुके हुए लाइसेंस भी बहाल किया जाए। सांसद सुधीर गुप्ता ने कहा कि अफीम नीति में संशोधन करके हमने 2017-18 के एनडीपीएस एक्ट से दोषमुक्त क्रशर को को लाइसेंस बनाया था उसे वर्ष 2020 की नीति का अंग बनाया जाए। डोडा चूरा को एनडीपीएस एक्ट से बाहर किया जाए क्योंकि इसमें नशीला पदार्थ काफी कम है। साथ ही पूर्व भर्ती प्रक्रिया अनुसार राज्यों के आबकारी विभाग के नियंत्रण में किया जाए। इसी के साथ सांसद गुप्ता ने और भी कई मांगे रखी। बैठक में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी, संयुक्त सचिव राजस्व रितिक रंजन पांडे, दिनेश बौद्ध निदेशक नारकोटिक्स, राजेश ढेबरे आयुक्त नारकोटिक्स, अनिल रामटेके सीसीएफ, सांसद सुधीर गुप्ता, सांसद सीपी जोशी, धर्मेंद्र कश्यप, उपेंद्र रावत, दुष्यंत सिंह आदि उपस्थित थे। More news