सोयाबीन की फसल पर बढा इल्ली का प्रकोप, नीमच और मंदसौर जिले में खंडवार हुई सोयाबीन की फसल, एक माह की फसल पर अधिक असर

 

प्रदेश के मंदसौर और नीमच जिले में खंडवार बारिश हुई है।जिले में सही प्रकार से बारिश नहीं होने के कारण जिले में खरीफ फसल की बोवनी नही हो सकी है। सोयाबीन की खंडवार बोवनी होने से कुछ क्षेत्रों में करीब एक माह की फसल हो गई है, जिसमें अब इल्ली का प्रकोप बढ़ गया है।इल्लियां सोयाबीन के पत्ते को चट कर रहीं हैं।इसे शुरूआत में ही नियंत्रण नहीं किया गया तो पैदावार पर असर पड़ सकता है। जिले में करीब 125000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में सोयाबीन फसल किसानों द्वारा उगाई गई है। अन्य फसलों का रकबा भी अधिक है। अभी तक जिले में अल्प वर्षा हुई है हालांकि गुरुवार और शुक्रवार को अच्छी बारिश होने से किसानों को राहत मिली है।

सोयाबीन पर दिखने लगा है इल्ली का प्रकोप

अभी के मौसम में तेज गर्मी होने के कारण और अल्प वर्षा होने के कारण फसलों पर बीमारियों ने आक्रमण कर दिया है और फसलों पर इल्ली का प्रकोप दिखने लग गया है। यह बीमारी सबसे ज्यादा सोयाबीन और मूंगफली की फसल में देखने को मिल रही है। किसानों का कहना है कि फसलों पर इल्ली आ जाने के कारण फसलों के पत्तों को नुकसान पहुंच सकता है। किसानों को इल्ली बीमारी के कारण काफी चिंता हो रही है। किसान इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए फसलों पर दवाई का छिड़काव कर रहे हैं। जिले में सोयाबीन की फसल को हुए हुए एक माह हो चुका है और अभी से सोयाबीन को बीमारी ने घेर लिया है।

अभी तक जिले में अच्छी बारिश नहीं हुई है

जिले में अभी अल्प वर्षा हुई है और किसान अच्छी बारिश के लिए तरह-तरह के जतन कर रहे हैं। इस बार किसानों के पास उगाने के लिए बीज भी पर्याप्त नहीं था जिसके कारण किसानों को महंगा बीज खरीदना पड़ा। कभी बारिश तो कभी ठंडा मौसम होने के कारण किसान कीटनाशक का प्रयोग भी नहीं कर पा रहे हैं। कृषि विभाग और वैज्ञानिकों ने किसानों को बीमारी के अनुसार सही कीटनाशक उपयोग करने की सलाह दी है। अधिक उमस होने के कारण बीमारी का प्रकोप बढ़ रहा है। यह बीमारी पत्तों को काट रही है और फसलों को नुकसान पहुंचा रही है। अब किसानों को इंतजार है कि धूप निकलेगी और वहां कीटनाशकों का छिड़काव करेंगे।

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