कोरोना महामारी के दौरान देश में ऑनलाइन गेम का ट्रेंड काफी ज्यादा बढ़ गया है। आज के इस समय में हर छोटा बच्चा है ऑनलाइन गेम का आदी हो गया है और बच्चों को ऑनलाइन गेम से इतना लगाव हो गया है कि वह गेम खेलते समय किसी की भी नहीं सुनते हैं। ऑनलाइन गेम के कारण बच्चों का दिमाग क्रिमिनल होता जा रहा है। अब तो ऑनलाइन गेम जानलेवा साबित हो रहे हैं। अभी-अभी ऑनलाइन गेम के कारण एक बच्चे की हत्या कर दी गई है। घटेरा उज्जैन के नागदा शहर की है। जहां पर 19 वर्षों के एक युवक ने 17 वर्ष के अपने ही दोस्तों की कुछ पैसे उधार होने के कारण हत्या कर दी। पैसे उधार लेने का कोई बड़ा कारण नहीं था और वैसे भी ज्यादा उधार नहीं थे लेकिन फिर भी एक लड़के ने अपने ही दोस्त की हत्या कर दी। पुलिस ने इस घटना का खुलासा किया है।
दोनों के बीच में ₹5000 का लेन-देन था
दोनों मित्रों के बीच ऑनलाइन गेम पब्जी और फ्री फायर में पोपट कराने हेतु लगभग ₹5000 की लेनदेन थी। इसी को लेकर उनके बीच झगड़ा हुआ और आरोपी ने दोस्त को गला दबाकर मार डाला। आरोपी ने उसके बाद घरवालों को फोन लगाकर फिरौती भी मांगी थी, लेकिन पुलिस के शक की सुई उस पर गई और हत्याकांड का पर्दा उठ गया। सीएसपी मनोज रत्नाकर ने बताया कि नागदा की बीसीआई कॉलोनी के एक खंडहर में 11वीं के छात्र रितेश पिता राधेश्याम गुर्जर की हत्या उसके ही पड़ोस में रहने वाले दोस्त सत्यम निंबोला ने कर दी थी। रितेश पब्जी और फ्री फायर का आदी हो चुका था उसने पहले भी दोस्तों से पैसे लेकर टॉप अप करवाया था।
टॉयलेट क्लीनर से बिगाड़ा रितेश का चेहरा
आरोपी सत्यम ने पुलिस को बताया कि रितेश ने गेम में टॉप करने के लिए उससे ₹5000 उधार लिए थे। काफी लंबा समय हो गया था लेकिन वह पैसे लौटा नहीं रहा था। उसके बाद वह बाइक से फोटो खींचने के बहाने उसे खंडहर में ले गया वहां जाकर उसने रितेश से फिर पैसे मांगे लेकिन जितेश द्वारा पैसे देने से इनकार करने पर आरोपी ने उसका गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी ने रितेश का चेहरा टॉयलेट क्लीनर से खराब कर दिया।हत्या के बाद सत्यम ने रितेश के परिवार वालों से फिरौती भी मांगी थी। सिर्फ गेम में अपना लेवल बढ़ाने के लिए उस लड़के की जान चली गई इसलिए आप सावधान रहें और अपने बच्चों को भी ऑनलाइन गेम से दूर रखें।