मंदसौर जिले में लगातार बढ़ रहे पेट्रोल डीजल के दामों का असर अब सब्जियों के दामों पर नजर आने लगा है। इसके अलावा बारिश लंबे समय से नहीं होने के कारण सब्जी की आवाज मंडी में नहीं हो रही है जिसके कारण सब्जियों के दाम काफी ज्यादा बढ़ गए हैं। हरी सब्जियों के दामों में बढ़ रही महंगाई के कारण आम आदमी की थाली में सब्जियां दूर होती जा रही है। पिछले 1 माह से हरी सब्जियों के दाम लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। सब्जियों के दामों में महंगाई ने तड़का लगाया तो घरों में रसोई का बजट बिगड़ गया और हर कोई बढ़ रही महंगाई के साथ सब्जियों में भी महंगाई के कारण आर्थिक मार लोगों को झेलना पड़ रही है।
महंगाई ने कम किया सब्जियों का जायका
थोक के अलावा सब्जियों की अधिकतर बिक्री फुटकर मैं होती है। ऐसे में फुटकर में अधिक दामों के कारण आम लोगों को आर्थिक मार झेलना पड़ रही है। एक माह में ही 2 गुना तो इससे भी अधिक दाम बढ़ गए हैं। महंगाई के कारण सब्जी दालों का जायका फीका लगने लगा है। महंगाई के अलावा बारिश की खेती दोनों ही कारणों से सब्जियों के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसके कारण आम आदमी की जेब का बजट बिगड़ गया है।
2 गुना तक बढ़ गए हैं सब्जियों के दाम
इस बार अल्प वर्षा होने के कारण किसानों की सब्जियां सफल नहीं हो पाई है और इसी कारण बाजार में सब्जियों की आवक बिल्कुल कम हो गई है और इस कारण सब्जियों के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। फिलहाल पहले की स्थिति में सब्जियों के दाम दोगुना हो गए हैं। जानकारी के अनुसार मिर्ची पहले ₹40 प्रति किलो थी जो वर्तमान में ₹60 प्रति किलो से अधिक हो गई है। आलू ₹20 प्रति किलो, गोबी ₹50 और प्याज ₹30 प्रति किलो पर पहुंच गए हैं। हरी सब्जियों में गिलकी 50, भिंडी 50, टेनसी 60, कद्दू 20, लौकी 20, नींबू 40 और शिमला मिर्च 80 पर पहुंच गई है। करेला और तिरोई के भाव 80 तक पहुंच गए हैं। इसके बावजूद भी दाम घटने का नाम ही नहीं ले रहे हैं और लगातार दामों में बढ़ोतरी होने का दौर जारी है।