संकट: मंदसौर जिले में अब तक सिर्फ 7 इंच बारिश ही हुई, 21 साल में हर बार बदला मानसून का रुख, 4 साल तक कभी नहीं रहा एक समान, 75% ही बोवनी हो पाई

 

मंदसौर में मानसून की बेरुखी का दौर जिले में लगातार चल रहा है। लंबे समय से बारिश नहीं हो रही है और उमस भरी गर्मी और जल संकट से जिले में भयंकर स्थिति बन रही है।इस बार मानसून नहीं आने से लगातार हालत बिगड़ती जा रही है। हर वर्ग का किसान बारिश नहीं होने के कारण परेशान हो रहा है और सबसे ज्यादा तो किसान जिस की फसल दांव पर लगी हुई है। बारिश का मौसम पूरा होने को आया है और अभी तक सही बारिश नहीं हुई है और अगर थोड़े दिन हो और ऐसा ही चलता रहा तो लोगों को आर्थिक मार झेलनी पड़ सकती है।

 बारिश के लिए भगवान की शरण में जा रहे हैं लोग

लंबे समय से बारिश नहीं हुई है इसके बाद अब लोगों ने तरह-तरह के नुस्खे अपना लिए हैं। मानसून लाने के लिए लोग भगवान की शरण में जा रहे हैं लेकिन उसके बावजूद भी रूठा हुआ मानसून आने का नाम ही नहीं ले रहा है। किसानों की फसलें आखरी सांसे ले रही है और कुछ किसानों ने तो खेत हकांई भी कर दी है। प्रदेश के सभी जिलों में ऐसी ही हालते बनी हुई है। मंदसौर जिले के सभी गांव में लोग उजयनी मना कर मानसून लाने की उम्मीद देवता को प्रसन्न करके कर रहे हैं। वहीं पिछले 21 साल के आंकड़ों को देखा जाए तो जिले में मानसून ने हर बार अपना रुख बदला है। कभी भी 4 सालों तक लगातार एक जैसी बारिश नहीं हुई है।

हर साल अपनी चाल बदलता है मानसून

जिला में प्रति वर्ष मानसून की चाल बदलती रहती है। 21 वर्षों में से 13 वर्षीय ऐसे हैं जहां पर औसत बारिश नहीं हुई है। बारिश की कमी के कारण सबसे ज्यादा खरीफ सीजन की फसलें और जिले का भूजल स्तर गड़बड़ा गया है। इसके चलते ग्रीष्म ऋतु में पेयजल संकट प्रतिवर्ष हो रहा है। असमान बारिश का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि  21 वर्षों में 5 वर्ष ही ऐसे हैं जिसमें 40 इंच से अधिक बारिश हुई है। 50 इंच से ज्यादा बारिश सिर्फ 2 वर्षों में हुई है। सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड भी 2019 में दर्ज हुआ था। मानसून की बेरुखी के कारण बारिश होने से किसानों की खरीफ फसल को खतरा बढ़ गया है। वही रबी सीजन की फसलों पर भी बारिश का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

शत प्रतिशत बोवनी भी नहीं हुई है

इस बार जिले में अपर्याप्त बारिश होने के कारण शत प्रतिशत बोवनी भी नहीं हुई है। अब तक सिर्फ 75% बोवनी ही हो पाई है। जबकि 164 मिमी बारिश ही हो पाई है। इस अवधि में पिछले साल 182 मिमी बारिश हुई थी। जिले में मंदसौर सीतामऊ और मल्हारगढ़ में 95% बोवनी हुई है। भानपुरा में 48 मिमी और गरोठ में 95 मिमी बारिश हुई है। इसके कारण गरोठ में 50 और भानपुरा में 20% बोवनी का काम हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *