बिजली बिल राशि की वसूली में कमतर साबित हो रही विद्युत वितरण कंपनी अब उपभोक्ताओं के नए गणित में जुट गई है। कंपनी अफसरों का तर्क है कि लॉकडाउन और work-from-home का चलन बढ़ने से बिजली की खपत बढ़ने के साथ ही बकाया भार भी बढ़ गया है। दरअसल लोग ज्यादा बिजली का उपयोग कर रहे हैं लेकिन इसके एवज में दिए जा रहे दिल की राशि जमा ही नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए बकाया भार बढ़ता जा रहा है।लोक डाउन होने के कारण लोगों ने अपना ऑनलाइन कार्य घरों में ही बैठकर किया है इसलिए सभी के यहां बिजली की ज्यादा खपत हुई है। कंपनी का तर्क है कि वर्क फ्रॉम होम भी उपभोक्ताओं का बिल बढ़ा रहा है।
अब बकाया बिल वालों पर शक्ति अपनाई जाएगी
कोरोना कर्फ्यू के दौरान आबादी क्षेत्रों में बिजली का अधिक उपयोग हुआ है और गर्मी एवं वर्क फ्रॉम होम भी इसका कारण रही है। जून में अनलॉक की स्थिति बनी और बकाया वसूली को लेकर जून माह में कंपनी ने ज्यादा शक्ति नहीं अपनाई है। जुलाई में बकाया वसूली में तेजी लाई जाएगी, सूचना देने के बाद भी कई महीनों से बिल नहीं भरे जा रहे हैं और लोग अपनी बकाया राशि को आगे बढ़ाते जा रहे हैं और आगे से बिजली विभाग पर दबाव डाला जा रहा है इसलिए अब बिजली विभाग द्वारा शक्ति अपनाई जाएगी।
रतलाम के करीब 100000 लोगों ने जमा नहीं कर रखा है बिजली बिल
जून में रतलाम जिले के एक लाख से भी ज्यादा लोगों ने बिल जमा नहीं कर रखा है। मंदसौर के 80000 एवं नीमच के 50,000 से ज्यादा लोगों ने बिल नहीं चुकाया है। उज्जैन संभाग के सातों जिलों के कुल 600000 उपभोक्ताओं ने बिल की रकम जमा नहीं की है जबकि इंदौर संभाग के 1100000 उपभोक्ताओं पर 450 करोड रुपए बिल की राशि बकाया है। लॉकडाउन में छूट के दौरान जून का पहला महीना था इसलिए कंपनी ने कलेक्शन काटने की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया था लेकिन अब जुलाई में बकाया राशि वसूली के लिए कंपनी अभियान चलाने की तैयारी कर रही है। इस अभियान में अगर उपभोक्ता एक बार बोलने के बाद बकाया राशि जमा नहीं करेगा तो उसके कनेक्शन काट दिए जाएंगे।