इस वर्ष मध्यप्रदेश में मानसून ने पिछले वर्ष के मुताबिक 4 दिन पहले ही दस्तक दे दी थी और यह देखकर सभी प्रदेश वासी खुश हो गए थे लेकिन फिर किसानों के चेहरे पर उदासी देखने को मिल रही हैं। मानसून ने दस्तक दी और मौसम विभाग में दावा कर दिया था कि यह मानसून 20 जून तक पूरे देश में एक समान बारिश कर देगा और तरबतर कर देगा लेकिन फिलहाल तो जून का पूरा महिना समाप्त होने को आया है।इसके बाद भी पूरा मालवा सूखा पड़ा है। इंदौर सहित प्रदेश के कई इलाकों में बारिश नही हुई है। मानसून भले ही पहले आ गया हो लेकिन इस बार जून महिना पूरा निकल गया है लेकिन पानी नहीं आ रहा है और किसान रोजाना उम्मीद लगाकर आसमान की ओर देख रहे हैं। किसानों को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर ऐसी स्थिति क्यों बन गई है तो चलिए आपको हम बताते हैं कि आखिर मानसून कहां चला गया है।
सर्वप्रथम एक्सपर्ट एच एल कपाड़िया से इसके बारे में जानकारी ली गई
मानसून के बारे में एक्सपर्ट एच एल कपाड़िया से जानकारी ली गई की मानसून तो कब का आ चुका है लेकिन बारिश क्यों नहीं हो रही है। इसके लिए हम आपको बताते हैं कि मानसून ने प्रदेश में बैतूल, मंडला , छिंदवाड़ा और बालाघाट में होते हुए दस्तक दी थी। जिस समय प्रदेश में मानसून ने दस्तक दी थी उस समय अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों जगहों पर मानसून एक्टिव था इसलिए उस समय इंदौर, होशंगाबाद और जबलपुर भी शामिल था। इस बार अरब सागर में मजबूत सिस्टम बना था लेकिन हवा की गति बदल जाने के कारण यह सिस्टम राजस्थान और गुजरात के रास्ते होकर हरियाणा और यूपी की ओर शिफ्ट हो गया और मध्य प्रदेश के लोगों को सिर्फ बादल ही दिखते रह गए।
प्रदेश के कुछ स्थानों में तेज बारिश तो कुछ स्थान सूखे क्यों पड़े हैं
हवाओं का दक्षिण पश्चिम दिशा में बदल जाने के कारण मानसून प्रदेश से चला गया है और हरियाणा और यूपी में शिफ्ट हो गया है। अभी प्रदेश में दक्षिण पश्चिम में हवाओं की रफ्तार मानसून के अनुकूल नहीं चल रही है। इस कारण प्रदेश के कुछ स्थानों पर उच्च दाब वाला क्षेत्र बन रहा है तो कुछ स्थानों पर निम्न दाब वाला क्षेत्र बन रहा है और इसी कारण कुछ स्थानों पर तेज बारिश हो रही है तो कुछ स्थानों पर बारिश ही नहीं हो रही है। पूरे प्रदेश में एक समान बारिश नहीं होने का भी यही एक कारण है। इससे पहले भी 2011-12 में ऐसी घटना प्रदेश में हो चुकी है। उस समय भी प्रदेश में मानसून दस्तक तो दे चुका था लेकिन उसके बाद पूरे जून महीने में बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई थी।
अगर ऐसा है तो अब प्रदेश में बारिश कब होगी
प्रदेश के कुछ किसानों ने तो उपज की बोवनी भी कर दी है लेकिन अभी तक पानी नहीं आया है और जुलाई का महीना भी शुरू हो गया है किसान सोच रहे हैं कि अगर अभी बारिश नहीं हो रही है तो फिर कब होगी? जानकारी के अनुसार फिलहाल 1 सप्ताह तक तो बारिश के आसार बिल्कुल नहीं दिख रहे हैं और जिन स्थानों पर बारिश होगी वहां पर भी सिर्फ बूंदाबांदी हो सकती है। हालांकि अभी एक सिस्टम अंडमान निकोबार में एक्टिव हुआ है लेकिन यह एक छोटा सिस्टर है इसलिए उसके कारण मध्य प्रदेश तक बारिश नहीं आ सकती है। जिन किसानों को बारिश का इंतजार है और अपनी उपज बोना चाहते हैं तो उनको बारिश के लिए 1 सप्ताह और इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि विभाग के अनुसार 1 सप्ताह तक तो बारिश संभव नहीं लग रही है।
जुलाई का महिना शुरू हो गया है और बारिश औसत से बहुत कम है
प्रदेश के मालवा निमाड़ और ग्वालियर चंबल क्षेत्र में बारिश ने लोगों को फिलहाल खुश नहीं किया है। इंदौर की बात की जाए तो जून महीने में सिर्फ 79 एमएम बारिश हुई है। अगर प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश की बात की जाए तो सबसे ज्यादा बारिश सिंगरौली में हुई है। यहां पर अभी तक 322 एमएम बारिश हो चुकी है। नरसिंहपुर में अभी 314 एमएम बारिश हुई है। भोपाल में भी वह सबसे ज्यादा बारिश हो चुकी है। इन सभी स्थानों पर तो अच्छी बारिश हुई है लेकिन हर वर्ष जहां पर बारिश सबसे पहले रिकॉर्ड बनाती है वहीं पर इस वर्ष बारिश औसत से कम हुई हैं। इंदौर में अभी तक सिर्फ 79 एमएम बारिश हुई है जो सामान्य से 50 फ़ीसदी कम है। प्रदेश की बात तो छोड़ो इंदौर शहर में भी सभी स्थानों पर समान बारिश नहीं हुई है। इस वर्ष मानसून भले ही 5 दिन पहले आ गया हो लेकिन पूरे प्रदेश में एक समान बारिश बिल्कुल नहीं हुई है।
1 सप्ताह और करना पड़ेगा इंतजार
अगर आपको भी बारिश का इंतजार है तो आपको अभी 1 सप्ताह और इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि मौसम विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आने वाले 1 सप्ताह तक तो प्रदेश में कोई सिस्टम एक्टिव नहीं हो रहा है और ना ही बारिश की संभावना बन रही है। जो किसान लोग बीज की बोवनी करना चाहते हैं उन्हें भी थोड़े दिन रुकना पड़ेगा। पूरा देश में सभी जगह बारिश तो हुई है लेकिन लोगों को जितनी जरूरत है उतनी नहीं हुई इसलिए फिलहाल इस बारिश का कुछ फायदा नहीं है। विभाग के अनुसार 1 सप्ताह बाद पूरे प्रदेश में एक समान बारिश हो सकती है।