मंदसौर में आप शिवना नदी के प्रदूषण को लेकर मामला कोर्ट में है, ऐसे कई मामले आते रहे हैं जिसमें कभी शिवना नदी की सफाई को लेकर मामला उठाया जाता है तो, कभी उसमें मिल रहे गंदे पानी के नालो को रोकने की बात कही जाती है।यह बात सही भी है इस बार जो जल संकट देखने को मिला है उसके बाद भी अगर शिवना में मिल रहे गंदे पानी के नालों को नहीं रोका गया तो स्थिति और ज्यादा बिगड़ सकती है, ऐसे में शहर की नगर पालिका द्वारा कोई खास कार्यवाही ना की जाना बड़ी ही शर्मिंदगी वाली बात है।
कोर्ट में शुरू हुई सुनवाई
जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण अब शिवना शुद्धिकरण के सदस्य अब कोर्ट के फैसले का इंतजार करें,
इससे पहले भी इन्होंने जल सत्याग्रह, जल उपवास, पोस्टर कार्ड आदि के माध्यम से जनप्रतिनिधियों की नींद उड़ाने का काम किया है पर जनप्रतिनिधियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी।अब स्थिति यह है कि मामला कोर्ट तक पहुंच गया है, मामले के कोर्ट में पहुंचते हैं सदस्यों द्वारा सफलता की एक सीडी चढ़ ली गई है।
न्यायाधीश ने लिया शिवना के पक्ष में फैसला
न्यायधीश द्वारा शिवना के पक्ष में फैसला सुनाते हुए नगर पालिका अधिकारियों को नदी में मिलते हुए नालों को रोकते हुए उनकी वैकल्पिक व्यवस्था करने के आदेश दिए हैं।
अब आगे की कार्यवाही के लिए 14 तारीख दी गई है जिसमें शिवना के अधिवक्तागण द्वारा अपना पक्ष रखा जाएगा।हरिवंश शर्मा, व सुनील बंसल, द्वारा बताया गया है कि अगली सुनवाई के लिए शिवना को लेकर नई रणनीति तैयार की जाएगी। कोर्ट के फैसले को लेकर शिवना भक्तों में खुशी का माहौल दिखाई दिया। अब जल्द ही रामघाट से लेकर मुक्तिधाम तक शिवना में मिल रहे नालों को रोका जाएगा।
फैसले के बाद भक्तों में दिख रहा अपार उत्साह
इस फैसले को लेकर भक्तों में जहां असीम उत्साह है, वही इनके संघर्ष को देखने की भी जरूरत है जिनके लिए इन्होंने जल सत्याग्रह, जल उपवास, पोस्टर कार्ड आदि के माध्यम से अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की है। इन्होंने अपनी बात पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय के दरवाजे तक खटखटाएं हैं, पर इन्हें सफलता मिली है तो सिर्फ न्यायालय के दरवाजे पर ऐसे में अब कयास लगाए जा रहे हैं कि ऐसा ही अभियान चंबल नदी के लिए भी चलाया जाएगा जिससे कि चंबल नदी की शुद्धता पर भी काम किया जाए।