मंदसौर को बादलों ने फिर कराया इंतजार, गांव में 2 दिनों तक हुई बारिश, जिले में खंड बारिश का चला दौर लेकिन अगले ही दिन फिर हुआ मौसम साफ

 

मंदसौर में आसमान पर मंडराते बादलों की ओर जिले में इन दिनों हर कोई टकटकी लगाए बैठा है। लेकिन मानसूनी बादल बिना बरसे ही लौट रहे हैं और सिर्फ गरज रहे हैं। मंगलवार को तापमान बढ़ने के साथ तेज और उमस भरी गर्मी का दौर सुबह से ही शुरू हो गया था। गर्मी इतनी तेज पड़ रही थी कि जिले का हर व्यक्ति बेहाल हो गया था। मानसून की खेच ने चिंता बढ़ा रखी थी तो जल संकट भोग रहे लोगों को बारिश का इंतजार है। बारिश का आधा मौसम होने को आया है लेकिन अभी भी लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिल पा रही है। जिले में और शहर के ऊपर मंगलवार को बादल मंडरा रहें थे और कुछ स्थानों पर बारिश हुई थी।

दो दिन आकर मानसून ने किया था जिले को जलमग्न

प्रदेश में जून के पहले सप्ताह में ही मानसून ने दस्तक दे दी थी। जून के शुरुआती दिनों में तो बारिश में कुछ स्थानों पर रिमझिम बारिश की तो कुछ स्थानों पर जोरदार बारिश की।यह देखकर जिले के कई गांव में किसानों ने फसल की बोवनी कर दी थी। किसानों ने सोचा की मानसून तो आ गया है अब बारिश होती रहेगी लेकिन वैसा बिल्कुल नहीं हुआ और किसान बोनी करने के बाद 1 महीने तक आसमान की ओर बारिश की उम्मीद लगाकर देखते रह गए। मध्य प्रदेश में आने वाला मानसून उत्तर प्रदेश और हरियाणा चला गया इसलिए मानसून के दस्तक देने के बाद 1 महीने तक बारिश नहीं हुई और रविवार और सोमवार को फिर से प्रदेश में एक समान बारिश हुई जिससे किसानों के चेहरे पर रौनक आ गई। अबकी बार किसानों में पक्का सोच लिया था कि अब बारिश का आधा मौसम हो चुका है अब बारिश बंद नहीं होगी लेकिन दोबारा वही दौर शुरू हो गया और अगले ही दिन से तेज गर्मी पड़ने लगी।

वह 2 दिन का पानी फसलों के लिए वरदान साबित हुआ

गांवों सहित आसपास के क्षेत्रों में विगत दिनों क्षेत्र में अच्छी बारिश चलने के कारण किसानों ने वही तो कर दी थी लेकिन लंबे समय तक बारिश नहीं होने के कारण किसानों पर संकट आ पड़ा था। उसके बाद जब सोमवार को जिले में समान बारिश हुई तो किसानों और फसलों दोनों के चेहरे पर रौनक आ गई मानो फसलों को एक जीवनदान मिल गया हो। किसानों की मुड़ जाती फसलों को बारिश ने एक बार फिर से जीवनदान दे दिया। इससे किसानों के चेहरे पर खुशियां छा गई। जिले में कई गांव में तो इंद्र देवता को खुश करने के लिए प्रथाएं चालू कर दी गई थी। कोई रामायण तो कोई भजन कीर्तन कर रहा था लेकिन उसके बाद भी गर्मी बहुत कम नहीं हुई। फसलों पर दिन भर दिन संकट आता जा रहा था लेकिन 2 दिनों से बारिश ने आकर फसलों को जीवनदान दे दिया और किसानों को खुश कर दिया लेकिन अभी के दिनों में फिर से किसानों के चेहरे पर चिंता देखने को मिल रही है क्योंकि बहुत दिनों से बारिश होने के बाद मौसम खुल गया और अभी तक बारिश की कोई संभावना नहीं दिख रही है।

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