मंदसौर में वर्तमान में कोरोनावायरस का एक भी एक्टिव केस नहीं है लेकिन डेंगू ने मंदसौर जिले में अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। कोरोना से राहत मिलने के बाद जिले में अब डेंगू का खतरा बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को सीतामऊ में दो डेंगू पॉजिटिव केस सामने आए हैं। जिले में 4 दिनों में डेंगू के 10 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं इसके बाद मलेरिया विभाग ने सक्रियता दिखाना शुरू कर दी है। बताए गए यह आंकड़े सिर्फ शासकीय अस्पतालों के हैं बाकी मामले प्राइवेट अस्पतालों में भी आए होंगे क्योंकि अधिकतर लोग बुखार आने पर प्राइवेट अस्पताल जाने पर ज्यादा भरोसा रखते हैं। इसलिए मंदसौर जिले में कागजों में 10 मामले हैं लेकिन असलियत में मामलो की संख्या बहुत ज्यादा है।
इससे पहले इतनी तेजी से डेंगू कभी नहीं फैला है
। डेंगू की यह दस्तक काफी खतरनाक है और मलेरिया विभाग भी इसको देखकर सक्रिय हो गया है क्योंकि इससे पहले डेंगू ने इतनी तेजी से दस्तक कभी नहीं दी है। इसलिए अभी आने वाले 3 महीनों में डेंगू फैलने के कारण हालात खराब हो सकते हैं। दो केस मिलने के बाद मंगलवार को स्वास्थ्य अमला फिर सीतामऊ पहुंचा और सर्वे किया गया। कुछ अन्य टीमों ने भी गांव-गांव में जाकर फीवर सर्वे किया। 3 दिनों में डेंगू के 10 मामले सामने आने के कारण प्रशासन में डर बढ़ता जा रहा है की डेंगू की बीमारी भी हालत खराब कर सकती है।
सीतामऊ के साथ गांवों में भी डेंगू की दस्तक तेज
4 पॉजिटिव मरीज गांव में तथा जिला मुख्यालय पर एक पॉजिटिव मिला है। यह वे आंकड़े हैं जो जिले के सरकारी अस्पतालों में पाए गए हैं इसके अलावा बहुत सारे लोग बीमार होने पर प्राइवेट अस्पताल जाते हैं और वहां पर भी डेंगू के कई केस सामने आए होंगे लेकिन उनको कागजों में नहीं जोड़ा गया है। डेंगू के मामलों की संख्या विभाग सही प्रकार से नहीं जुटा पा रहा है। डेंगू के मामलों को और डेंगू से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग और नगर पालिका की तैयारियां कमजोर ही दिख रही है। नगर पालिका द्वारा मंदसौर शहर में ही डेंगू को रोकने के लिए कोई खास तैयारियां नहीं की गई है। शहर में कई जगह अभी भी कचरे के ढेर लग रहे हैं।
डेंगू की बीमारी पैदा कैसे होती है
डेंगू की बीमारी एक ही स्थान पर लंबे समय से कचरा पड़े रहने से होती है जोकि आप मंदसौर शहर में देख सकते हैं। यहां पर जगह-जगह अभी भी कचरे के ढेर लगे हुए हैं और बारिश होने के कारण गड्ढे भी भर गए हैं। साफ पानी में पनपने वाले डेंगू मच्छर के लारवा को नष्ट करने के लिए हर साल मलेरिया विभाग द्वारा गम्बुशिया मछलियां डाली जाती है, लेकिन अब तक मछलियां नहीं छोड़ी गई है। शहर सहित गांव में भी सर्वे टीमें अभी तक सभी क्षेत्रों में नहीं पहुंची है। फिलहाल सर्वे वहीं पर किया जा रहा है जहां पर डेंगू के मामले सामने आए हैं। इसलिए ऐसी स्थिति में आपको सावधान रहने की जरूरत है। अगर आप ने सावधानी बरती तो डेंगू मच्छर आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। इसलिए बारिश के मौसम में स्वच्छ रहें और सुरक्षित रहें।