अगर आप भारत देश के रहने वाले होंगे तो अवश्य ही हिंदुओं के किसी ना किसी देवता के भक्त होंगे। कभी कभी आप सोचते भी होंगे कि आखिर अपने देश में हमारे देवता को कितने और भी लोग पसंद करते होंगे और इसी बात को लेकर कई लोगों और बच्चों में विवाद हो जाता है।तो हम आज आपको बताने वाले हैं कि देश मे हिंदुओं के बीच कौन से देवता कितने लोकप्रिय है।एक रिसर्च में पता चला है कि भारत देश में रहने वाले हिंदुओं के बीच शिव सबसे लोकप्रिय देवता है। देश के लगभग 45% हिंदू लोग भगवान शिव को अपना आराध्य मानते हैं। इनके बाद लोग हनुमान, गणेश, लक्ष्मी, कृष्ण, मां काली और भगवान राम को अपना देवता मानते हैं। भास्कर टीम द्वारा एक रिसर्च किया गया जिसमें उन्होंने पता लगाया कि देश में कितने लोग कौन-कौन से देवताओं को पूजते हैं और अपना आराध्य मानते हैं।
लोग भगवान श्रीराम से ज्यादा उनके भक्त हनुमान को मानते हैं
रिसर्च के दौरान एक आश्चर्य चकित कर देने वाली बात सामने आई है कि भगवान राम के नाम से देश को जाना जाता है लेकिन राम भगवान से ज्यादा लोग उनके भक्त हनुमान को अपना देवता मानते हैं। देश में भगवान राम को मानने वाले लोग 17 प्रतिशत है और राम भक्त हनुमान को मानने वाले लोग 32% है। यह देवता ऐसे देवता है जिन्हें लोग व्यक्तिगत रूप से ज्यादा लगाव करते हैं। अमेरिका की एजेंसी पीडब्ल्यू के एक रिसर्च में यह बातें सामने आई है।PEW ने नवंबर 2019 में अपनी रिसर्च चालू की थी और मार्च 2020 तक रिसर्च के आंकड़े सामने आ गए थे। इस समय तक लगभग 30000 लोगों से बातचीत हो चुकी थी और ऐसे ही रिसर्च चलती रही और 29 जून 2021 को रिसर्च के आंकड़े पेश कर दिए गए थे। हमने भी इस रिसर्च को पढ़ा और आपके सामने पेश किया।
अब हम आपको रिसर्च के बारे में पूरी जानकारी देते हैं
आपको पता होगा कि कुछ सालों पहले देश में काफी भेदभाव चलता था जो अभी के समय में कम तो हुआ है लेकिन अभी तक जड़ से समाप्त नहीं हुआ है। भेदभाव को मिटाने के लिए भीमराव अंबेडकर ने काफी संघर्ष किया और उन्होंने काफी हद तक सफलता भी हासिल की। उनका कहना था कि अगर देश में भेदभाव मिटाना है तो लोगों को अपनी जाति को छोड़कर दूसरी जाति में शादी करनी होगी। इस घटना को 85 साल होने को आए हैं लेकिन लोग आज भी दूसरी जाति और दूसरे धर्म में अपनी शादी करने के खिलाफ हैं। रिसर्च में यह पता चला है कि लगभग 80% मुसलमानों का मानना है कि महिलाओं को किसी दूसरे धर्म में शादी करने से रोकना बहुत जरूरी है। हम आपको यह भी बता दें कि यह सर्वे देश में उस समय हुआ जब देश में एनआरसी का विरोध चल रहा था।
अधिकांश भारतीयों को अपना धर्म प्रैक्टिस करने की आजादी
देश के उन 89% हिंदू लोग मानते हैं कि उन्हें अपने धर्म का पालन करने की आजादी है। पहले के मुताबिक अब भेदभाव भी कम देखने को मिला है क्योंकि रिसर्च के दौरान जब लोगों से पूछा गया कि उनके साथ भेदभाव किया जाता है तो सिर्फ 5 लोगों में से एक ने इस प्रकार की शिकायत की है। भारत देश एक ऐसा देश है जहां पर सभी धर्मों को स्वतंत्रता मिली हुई है और यहां के हिंदू लोगों को भी दूसरे धर्म के लोगों से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन देश के हिंदू लोग यह चाहते हैं कि उनके पड़ोसी देश भी हिंदूवादी देश हो। पड़ोसी देश को हिंदू चाहने वाले लोगों में जैन लोग सबसे आगे हैं जिन का मत 61% है। 45% हिंदू भी नहीं चाहते कि उनका पड़ोसी किसी दूसरे धर्म का हो।
कुछ लोग भारत-पाकिस्तान बंटवारे को गलत मानते हैं
आपको पता हो तो देश को आजाद होने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा और काफी संघर्ष और आंदोलनों के बाद देश को आजादी प्राप्त हुई। देश को आजादी मिलने के पश्चात देश का बंटवारा हुआ जिसमें देश के दो भाग किए गए और उसमें से एक भारत और दूसरा पाकिस्तान रहा। इस बंटवारे को कई लोग गलत मानते हैं और 48% मुस्लिम अपने सांप्रदायिक रिश्ते बनाने के लिए भारत-पाकिस्तान बंटवारे को गलत साबित करते हैं। अधिकतर भारतीय एससी एसटी और ओबीसी कैटेगरी से ताल्लुक रखते हैं। लोगों को ऐसा लगता है कि सिर्फ हिंदू धर्म में ही सबसे ज्यादा वर्ग विभाजन है लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि 89% बोद्ध अनुसूचित जाति के हैं।
मुस्लिम लोग पुनर्जन्म पर ज्यादा भरोसा करते हैं
देश में आम धारणा यह है कि मुस्लिम लोग पुनर्जन्म पर भरोसा नहीं रहते लेकिन सर्वे के दौरान पता चला कि 27 प्रतिशत मुसलमान पुनर्जन्म पर भरोसा रखते हैं। वहीं 77% हिंदू कर्म और 73% भाग्य पर भरोसा करते हैं। इस प्रकार विसर्जन में सभी बातों का आंकड़ा बताया गया है। देश के कई मुसलमानों को भारत देश में रहने से कोई समस्या नहीं है और हिंदू लोगों से कोई शिकायत नहीं है केवल कुछ ही लोग भारत देश में खुद को असुरक्षित मान लेते हैं। अगर यह खबर पढ़ कर आपको अच्छा लगा हो तो अपने रिश्तेदारों को भी शेयर करें ताकि वह भी इस रिसर्च के बारे में पढ़ सके।
Outstanding
Jai shree ram