बड़ा खुलासा: प्रशासन बता रहा था 79 लोगों की मौत, लेकिन जिला अस्पताल में तोड़ा 677 लोगों ने दम,661 का पता नहीं

 

कोरोना से मौत के आंकड़ों को लेकर 23 मई को एक खुलासा किया गया है जो सही साबित हुआ है। सूचना के अधिकार में मंदसौर जिला अस्पताल प्रशासन ने कोरोना में 677 लोगों की मौत की बात स्वीकार की है। यह स्वीकारोक्ति केवल जिला अस्पताल में हुई मौत को लेकर है। बाकी 661 लोगों को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है। इसी तरह कोरोना मरीजों के इलाज के लिए जिले में करीब 16 सेंटर बनाए गए थे वहां हुई मौतों का आंकड़ा इसमें शामिल नहीं है जबकि प्रशासन द्वारा बुलेटिन में अब तक कोरोना से 84 लोगों की मौत होने का दावा किया जा रहा है। इस तरह मौत के आंकड़ों को लेकर अंतर सामने आया है।

677 की हुई मौत और 661 का हिसाब नहीं है

1 मार्च से लेकर 7 जून तक जिले में कोरोना से मौत की संख्या को लेकर शहर कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष एवं अभिभाषक डॉ राघवेंद्र सिंह तोमर ने अस्पताल प्रशासन से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी। इसमें अस्पताल प्रशासन ने बताया कि जिला अस्पताल में कोरोना के 3076 मरीज भर्ती हुए थे। इसमें से 1738 ठीक हो गए और 677 की मौत हो गई जिनका प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया और बाकी 661 मरीजों को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है। जानकारी केवल वहां भर्ती मरीजों से संबंधित ही है। कोरोना में 16 अन्य सेंटरों पर भी मरीज का इलाज हुआ है। जिले के सभी को व्हाट्सएप करो और जिला अस्पताल से मरीजों का ऊपर से लेकर नीचे तक सारा आंकड़ा मांगा गया था। प्रशासन ने नाम पता नहीं भेजा और सिर्फ मौत के आंकड़ों की संख्या भी एक महीने बाद भेजी।

फिलहाल रिपोर्ट रतलाम से आती है

सीएमएचओ डॉक्टर के एल राठौर का कहना है कि फिलहाल मंदसौर में कोरोना की रिपोर्ट रतलाम से आती है अभी आर्टिफिशियल ऐप का कार्य चल रहा है उसके बाद मंदसौर में ही सभी प्रकार की जांच हो जाएगी। रतलाम से आई कोरोना रिपोर्ट में 84 मौत वह है जो डेट ऑडिट रिपोर्ट प्राप्त हुई है। यह रिपोर्ट रतलाम मेडिकल कॉलेज से आती है और इसके आधार पर पोर्टल पर संख्या दर्ज करते हैं। आरटीआई में कौन सी जानकारी दी गई है यह नहीं पता है। जिला में यदि और भी मौत की फाइलें ऑडिट के लिए पेंडिंग चल रही है तो उन्हें भी रतलाम भेजेंगे। वहां से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर पोर्टल ऐड किया जाएगा। डॉक्टर तोमर ने बताया कि अभी उन्हें सिर्फ इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय से ही आंकड़े प्राप्त हुए हैं। पूरे जिले की जानकारी सीएमएचओ कार्यालय से समय सीमा बीत जाने के बाद भी नहीं आई है। बताया जा रहा है कि यहां रिपोर्ट आने पर मरने वालों की संख्या 1000 से पार जा सकती है।

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