आपको होने वाली हर बीमारी का कारण आपका गंदा टॉयलेट हो सकता है,आपके मल में पाया जाता है कोरोना, जानिए कौन-कौन सी बीमारीया हो सकती है, घर उपलब्ध चीजों से टॉयलेट को करें बैक्टीरिया फ्री

आप अपने घर के अंदर और बाहर चाहे कितनी भी सफाई रख लो लेकिन अगर आपके घर का बाथरूम गंदा होगा तो आप कितनी भी कोशिश कर लो बिमारियां आपके घर का पीछा बिल्कुल नहीं छोड़ेंगी। पहले लोग इस बात पर बहुत ध्यान देते थे लेकिन आज के जमाने में लोग अपने घर के बाथरूम नहीं देते हैं और इसी कारण आपके घर में कई बीमारियां जन्म लेती है। आज भी आप किसी भी बूढ़े व्यक्ति को देखेंगे तो वह सफाई पर काफी ज्यादा ध्यान देता होगा और इसी कारण पहले के लोग बीमार भी कम होते थे। बूढ़े लोग आज भी कहते हैं कि अपनी बेटी का हाथ जिस घर में भी दो सबसे पहले उस घर का बाथरूम अवश्य देखें क्योंकि जिनका टायलेट साफ नहीं होता वह लोग व्यक्तिगत रूप से गंदे माने जाते हैं। आपको थोड़ा समय निकाल कर अपनेघर के टायलेट और बाथरूम को स्वच्छ रखना चाहिए।यह आपका एक अधिकार है।

आधी से ज्यादा बिमारियां गंदे टॉयलेट से ही उत्पन्न होती है

आपके घर मैं होने वाली आधी से ज्यादा बीमारियां गंदे टॉयलेट होने के कारण ही होती है। इसलिए आपको अपने घर के टॉयलेट को साफ सुथरा रखना चाहिए ताकि आपके घर में कोई भी बीमारी नहीं हो। कुछ लोग टॉयलेट को साफ करने के लिए घंटो तक उसमें एसिड और तरह-तरह के डिटर्जेंट इस्तेमाल करते हैं इससे आपका टॉयलेट भले ही साफ हो जाएगा लेकिन उसमें मौजूद बैक्टीरिया नहीं जाएंगे और आप सोचेंगे कि हमारा टॉयलेट स्वच्छ है। आपका टॉयलेट साफ होने के बावजूद भी बैक्टीरिया फ्री नहीं होता है और बीमारियां पैदा करता है।

गंदे टॉयलेट से कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती है

अगर आपके घर का भी टॉयलेट अस्वच्छ रहता है तो यह आपके लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। सीनियर माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉक्टर कहते हैं कि आपके टॉयलेट में कई प्रकार के जीवाणु , वायरस और सूक्ष्म जीव मौजूद होते हैं। आपका टॉयलेट साफ दिखने के बावजूद भी उस में सैकड़ों वायरस और सूक्ष्मा जीव मौजूद रहते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक 24 से 54% तक मल आत में मौजूद बैक्टीरिया से बनता है। यह बात आपको हैरान कर देगी की रिसर्च करने वाली स्टडी से पता चला है कि हमारे मल में कोविड-19 भी पाया जाता है। हालांकि यह कितना संक्रामक है इसकी पुष्टि अभी तक नहीं की जा सकी है।

कोई भी व्यक्ति हो सकता है संक्रमित

कोई व्यक्ति कितना भी साफ सुथरा रहता हो लेकिन टॉयलेट में मौजूद सूक्ष्मजीव उसे संक्रमित कर सकते हैं। कुछ डॉक्टर जानकारी देते हैं कि टॉयलेट में की शुरुआत कमोड से होती है और यह धीरे-धीरे पूरे टॉयलेट में फैल जाते हैं। इसमें नल का हैंडल भी आता है जिसे कमोड के बाद सबसे गंदा माना जाता है। हम टॉयलेट में फ्लैश करते हैं तो उस में बनने वाले बबल्स कीटाणुओं का ठिकाना बन जाते हैं। यह एरोसॉल बाथरूम की फर्श या दीवार पर गिरती है। यह किसी व्यक्ति को तेजी से संक्रमित कर सकते हैं। इसलिए हमें बाथरूम हाइजीन पर अधिक ध्यान देना चाहिए ताकि हम बैक्टीरिया के ठिकाने नहीं बनने दे। हमें बैक्टीरिया क्लीनिंग सॉल्यूशन का इस्तेमाल करना चाहिए और बाथरूम में मौजूद हैंडल और बोल को भी अच्छे से साफ करना चाहिए।

हमेशा अच्छे प्रोडक्ट ही चुने

डॉक्टर श्रीवास्तव कहते हैं कि हमें अपने घर का बाथरूम साफ करने के लिए अच्छे सॉल्यूशंस का इस्तेमाल करना चाहिए। लोंग एसे प्रोडक्ट दो चुन लेते हैं जो बाथरूम को चमका देता है लेकिन वह टॉयलेट में मौजूद बैक्टीरिया को नहीं मारता है इसलिए ऐसे किलिंग सॉल्यूशंस चुने जो आसानी से टॉयलेट में मौजूद बैक्टीरिया को मार डाले। आप टॉयलेट की सफाई के लिए विनेगर का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह हम को आसानी से किसी भी दुकान पर मिल जाएगा और यह बैक्टीरिया और सूक्ष्म जीवों को मारने में काफी अच्छा साबित हुआ है। इसे ब्लीच के विकल्प के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है लेकिन इसको उपयोग करने के लिए सावधानी की जरूरत पड़ती है। इसलिए हमेशा ऐसे सॉल्यूशंस को चुनें जो दुर्गंध के साथ-साथ बैक्टीरिया को भी मार डालते हैं।

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