मध्यप्रदेश में 1 जुलाई से स्कूल नही खोलें जाएंगे। इसे लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से बात करेंगे। इसके बाद संक्रमण की स्थिति के आधार पर अजय का फैसला लिया जाएगा। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को मंत्रियों के शिक्षा समूह की बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग का प्रोजेक्शन भी देखा। उन्होंने कहा कि 12वीं के अंकों का निर्धारण दसवीं के विभिन्न विषयों में प्राप्त अंको में से बेस्ट ऑफ को फाइव मानकर तय किया जाए। यदि विद्यार्थी परिणाम सुधारना चाहते हैं तो वह परीक्षा परिणाम सुधर सकते हैं। देर शाम माध्यमिक शिक्षा मंडल ने यह फार्मूला तय कर दिया।
100% वैक्सीनेशन पर खुल सकती हैं कोचिंग क्लासेस
इससे पहले बैठक में सुझाव दिया गया कि कोचिंग सहित अन्य शैक्षणिक संस्थाएं यदि 100 फ़ीसदी वैक्सीनेशन कर लेती है तो उन्हें खोला जा सकता है। इस पर सीएम ने सर्टिफिकेट के आधार पर इन्हें खोलने पर विचार करने को कहा। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शैक्षणिक गतिविधियों में 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी विद्यार्थियों का शत प्रतिशत टीकाकरण और शैक्षणिक परिसरों में कोविड-19 अनुकुल व्यवहार का पालन करना होगा।जिनका वैक्सीनेशन नही हुआ होगा उसे परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। फिलहाल तो बच्चों की आनलाइन पढ़ाई चालू रहेगी।
एक सितंबर से चालू होगा नया सत्र
स्नातक प्रथम द्वितीय वर्ष एवं स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष के परिणाम अगस्त में जारी किए जाएंगे। स्नातक प्रथम वर्ष एवं स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर के लिए प्रवेश प्रक्रिया एक अगस्त से आरंभ होगी। स्नातक द्वितीय तथा तृतीय वर्ष एवं स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर की कक्षाओं के लिए प्रवेश प्रक्रिया 1 से 30 अगस्त 2021 तक चलेगी। स्नातक प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष है तथा स्नातकोत्तर प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर के लिए नवीन सत्र 1 सितंबर से आरंभ होगा। विद्यार्थियों की 50% उपस्थिति के साथ कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। शिक्षकों का प्राथमिकता के साथ टीकाकरण किया जाएगा। कोरोना संक्रमण से बचाव के उपाय को लेकर एक विशेष प्रशिक्षण किया जाएगा।