कुछ ही दिन पहले शासन ने हॉलमार्क वाला नियम बनाया है जिसमें कहा गया है कि अब से बिना हॉल मार्क लगा हुआ सोना नहीं बिकेगा। सर्राफा बाजार में इन दिनों शासन द्वारा लागू किए गए इसी नियम को लेकर चर्चाएं चल रही है। आश्चर्य की बात तो यह है कि आधे जिलों में भी हॉल मार्क छापने की मशीन नहीं है और सरकार ने अभी से हॉलमार्क नियम को लागू कर दिया। प्रदेश के मात्र 8 जिलों में ही हॉलमार्क मशीन उपस्थित है और 44 जिलों में मशीनें नहीं है। वहां पर यह व्यवस्था लागू नहीं किए जाने का निर्णय कर लिया।
व्यापारियों का सिस्टम पर क्या कहना है
शहर के सर्राफा एसोसिएशन और सर्राफा व्यापारियों का कहना है कि हम तो हॉल मार्क पर ही व्यापार करना चाहते हैं लेकिन यहां पर सिस्टम ही लागू नहीं है। वर्तमान में प्रदेश के आधे जिलों में भी मशीनें नहीं है। सरकार प्रदेश के सभी जिलों में व्यवस्था करके यह नियम लागू करें। पूरी तैयारी करके शासन हॉल मार्क नियम लगा सकते हैं उसके बाद हम इसे अपना लेंगे। पिछले दिनों सराफा एसोसिएशन ने सांसद सुधीर गुप्ता को अपने जिले में यह नियम लागू करने के लिए ज्ञापन सौंपा गया।
मंदसौर के सर्राफा एसोसिएशन सचिव ने क्या कहा
मंदसौर के सर्राफा एसोसिएशन सचिव उमेश पारेख ने कहा कि लंबे समय से मंदसौर सराफा 9160 का माल बेच रहा है। हम तो फुलमार्क का ही बेचना चाहते हैं और बिना हॉलमार्क मशीन के हम अच्छा माल ही बेच रहे हैं। यह सिस्टम लागू करने से पहले शासन अपनी तैयारी पूरी करें और इसे लागू करें। अभी हाल मार के सेंटर आधे जिलों में भी नहीं है। प्रदेश के मात्र 8 जिलों में यह सिस्टम उपस्थित है। इस तरह अधूरी व्यवस्था के साथ यह सिस्टम कैसे लागू हो सकता है।