शहर को बाढ़ से बचाने के लिए धान मंडी में लगा पंप हाउस 2019 में फेल हो गया था। इसके बाद से उसे अपग्रेड करने के प्रयास चल रहे हैं। इस बार धान मंडी पंप हाउस पर अतिरिक्त पंप की व्यवस्था की गई है। शिवना में उफान पर शहर के पानी को बाहर निकालने के लिए धान मंडी व किला क्षेत्र में दो पंप हाउस है। धान मंडी क्षेत्र में समय के साथ भराव होने पर व पंप हाउस पुराना होने पर यह बाढ़ से बचाने में ना काफी है। इसके चलते 2019 की बाढ़ में धान मंडी क्षेत्र डूब गया था। इसके बाद प्रशासन ने 5.50 करोड़ रुपए से नए पंप हाउस की कवायद शुरू की गई।
पिछले वर्ष पंप को ही बाढ़ से बचाना पड़ा था
इस नई योजना की स्वीकृति से पहले पिछले वर्ष नगर पालिका ने वार्ड में पंप हाउस खराब ना हो जाए और बंद नही हो इसके लिए डीपी को ऊंचाई पर शिफ्ट कराया गया। बारिश से पहले पशुपतिनाथ मंदिर की सीढ़ियों के यहां नया पंप हाउस तैयार किया जा रहा है। यहां भी तीन से चार पंप लगातार पानी को शिवना में डालने का काम करेंगे। वहीं इस बार नगर पालिका ने धानमंडी पंप हाउस पर पहले से लगे 75 हॉर्स पावर के छह पंप के अलावा 10-10 हार्स पावर के चार पंप लगाए गए हैं। इसके लिए पंप हाउस से शिवना की तरफ पाइपलाइन भी डाल दी गई है।
नगर पालिका द्वारा कुछ अतिरिक्त व्यवस्था भी की गई है
कलेक्टर मनोज पुष्प ने बताया कि धान मंडी पंपहाउस काफी पुराना हो चुका है इसकी जगह नए पंप हाउस के लिए शासन से कुछ समय पहले ही स्वीकृति मिली है। टेंडर प्रक्रिया की जा रही है। बारिश के बाद यहां नए पंप हाउस का काम किया जाएगा। बारिश के दौरान पानी को निकालने के लिए अतिरिक्त व्यवस्था की गई है अब शहर में बाढ़ नहीं आने दी जाएगी। इस पंप हाउस के संचालन के साथ नए पंप हाउस का निर्माण किस तरह शुरू किया जाए इसके लिए अधिकारियों के साथ निरीक्षण हो चुका है। जल्द ही कार्य योजना तैयार करके निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।