रामलला परिसर के विस्तार के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 1 साल के भीतर करीब एक अरब रुपए की जमीन खरीद ली है। इस जमीन में कुछ मंदिर शामिल है तो कुछ रिहायशी और कुछ अन्य जमीन भी शामिल है। 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के समय राम मंदिर के लिए कुल 70 एकड़ जमीन थी। लेकिन इसको बढ़ाकर ट्रस्ट अब 107 एकड़ करना चाहता है। इसके लिए ट्रस्ट मंदिर के आसपास वाली जमीन खरीद रहा है। करीब एक दर्जन मंदिरों का और कुछ अन्य जमीनों का बैनामा ट्रस्ट करवा चुका है। कुछ मकानों का भी अधिग्रहण किया जा चुका है।
किन किन मंदिरों को खरीदा जा चुका है
कुछ प्रमुख जमीनों की खरीदी की बात करें तो 3 करोड़ में फकीरे राम मंदिर, चार करोड़ में 12 बिस्वा जमीन वाले कौशल्या भवन को खरीदा गया है। अशर्फी भवन के पास 646.85 वर्ग मीटर जमीन का बैनामा दीप नारायण ने एक करोड़ में किया।रामकोट क्षैत्र में 1040 वर्ग मीटर जमीन 2 करोड़ में जगदीश कुमार से खरीदी गई। हरीश पाठक से 80 बिस्वा के दो भू खंड रामकोट व टेढी बाजार के पास खरीदे गए।दशरथ गद्दी चौगुदी के पीछे महंत बृजमोहन दास ने 20 बिस्वा जमीन 6.75 करोड में टस्ट को बेची।अयोध्या रेल्वे स्टेशन के पीछे बाग बिजेसर क्षेत्र में 12080 वर्गमीटर भूमी को इसी मार्च में 18.50 करोड़ में खरीदा गया।
विवादों में रहा है मंदिर को मिला दान
राम मंदिर के निर्माण को लेकर मिले हुए दान में भ्रष्टाचार का मामला पहले ही उठ चुका है। 80 के दशक में जब राम मंदिर के निर्माण को लेकर आंदोलन हुआ था। उसके बाद दान की राशि में 1400 करोड़ की हेराफेरी का आरोप विश्व हिंदू परिषद पर लगा था। 2017 में अखाड़े के सदस्य सीताराम ने आरोप लगाया था कि मंदिर के नाम पर मिले चंदे से विहिप के पदाधिकारी अपनी बिल्डिंग बनवा रहे हैं।तब विहिप ने इन आरोपो को निराधार बताया था।