कुछ समय पहले मंदसौर जिले में मुस्कुराता मंदसौर नामक एक अभियान चलाया गया था। थोड़े ही समय में इस अभियान के अंतर्गत मंदसौर जिले में काफी अच्छा कार्य हुआ है और सफल रहा है। रविवार को मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान और बाकी सभी अधिकारियों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर मीटिंग ले गए मीटिंग के दौरान शिवराज सिंह जी ने भी मंदसौर मॉडल की काफी तारीफ की और मंदसौर मॉडल को पसंद किया। अभियान के तहत 1 मार्च से अभी तक कोरोना महामारी के दौरान उन बच्चों का सर्वे किया गया जो कोरोना के कारण अपने माता-पिता या अपने माता और पिता में से किसी एक को खो चुके हैं।
इकलौती संतान के खोने के बाद अकेले रह गए बुजुर्गों का भी सर्वे किया गया
जिले में सर्वे किया गया तो जानकारी प्राप्त हुई थी पूरे जिले में 29 बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने अपने माता और पिता दोनों को माहवारी के दौरान खो दिया है। इन सभी बच्चों में से अभी तक 23 बच्चों की मुख्यमंत्री बाल कल्याण योजना के तहत सती मां ₹5000 की सहायता शुरू हो गई है। बच्चों को आगे पढ़ाने के लिए भी दानदाताओं से मदद ली जा रही है। कलेक्टर मनोज पुष्प ने इस अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि मुस्कुराता मंदसौर अभियान के तहत समस्त जिले के ऐसे ऐसे बच्चों का सर्वे कराया गया जो अपने माता और पिता दोनों या फिर माता या पिता दोनों में से एक को खो चुके हैं और अनाथ हो गए हैं।
बच्चों को दी जा रही सरकार की तरफ से पूरी मदद
जिले में 29 परिवार ऐसे हैं जिनमें माता और पिता दोनों का निधन हो चुका है। वही 151 परिवारों में माता और पिता के निधन होने से 268 बच्चे प्रभावित हैं जिन्हें चिन्हित किया गया है। सत्ताविस बुजुर्ग ऐसे हैं जिन्हें सहारा देने वाला कोई नहीं बचा है। अब प्रशासन का लक्ष्य है कि इन सभी बेसहारा लोगों को सरकार की तरफ से सहारा दिया जाए और इसी के तहत उन 29 बच्चों में से 23 बच्चों को मुख्यमंत्री बाल कल्याण योजना के अंतर्गत ₹5000 प्रति माह दिए जाएंगे। 50 परिवारों को ₹2000 प्रति माह राशि स्वीकृत की गई है। सभी को किसी ना किसी योजना के तहत सरकार मदद प्रदान कर रही है।