मध्यप्रदेश में आया एक और खतरा: प्रदेश में मिला डेल्टा प्लस वेरिएंट का पहला केस, जल्दी आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर, देश में कुल सात मामले

 

मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर को कई प्रयासों के बाद काबू कर लिया गया है लेकिन प्रदेश के सामने एक नई चेतावनी उठ खड़ी हुई है। प्रदेश में डेल्टा प्लस वैरीअंट का एक केस सामने आ चुका है जिससे लोगों और सरकार में चिंता बढ़ गई है। यह डेल्टा प्लस वेरिएंट भोपाल में एक 64 वर्ष उम्र की महिला में पाया गया है। थोड़े दिन पहले ही महिला ने जांच करवाई थी और उसका सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। उस में पाया गया कि महिला डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमित है उसके बाद उसका उपचार किया गया। फिलहाल अच्छी बात यह है कि महिला की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है और महिला अपने घर पर आराम कर रही है। आपको बता दें कि देश में कोरोना की दूसरी लहर आने का कारण डेल्टा वेरिएंट ही था जो खुद भारत में ही पैदा हुआ था। यह भी जानना जरूरी है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट इसी का अगला रूप है जो खतरनाक साबित हो सकता है।

देश में फिर हो सकता है कोरोना विस्फोट, तीसरी लहर का संकेत आ चुका है

भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज से 15 सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। इनकी रिपोर्ट आने के बाद पता चला है कि इनमें से एक महिला डेल्टा प्लस वैरीअंट से संक्रमित हैं। साथ ही रिपोर्ट में दूसरे वेरिएंट भी मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने महिला के कांटेक्ट में आने वाले सभी लोगों की जांच करना शुरू कर दी है। महिला के कांटेक्ट में कुल 20 लोग आए हैं जिनकी जांच की जा रही है। अस्पताल के कार्यकर्ताओं ने कहा कि फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता सभी रिपोर्ट फाइनल आने के बाद ही फैसला लिया जाएगा। बात पूरी तरीके से पता नहीं चली है लेकिन जांच के मुताबिक यह सही पुष्टि की गई है।फिलहाल महिला की तबीयत ठीक है।

महिला घर पर आराम कर रही है, इलाज भी घर पर ही किया गया है

संक्रमित महिला के बेटे गजेंद्र चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि मेरी मां को 23 मई को कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए गए थे। इसको बुखार और दर्द हो रहा था उसके बाद तुरंत गांव के नगर कार्यालय में जांच करवाई। अगले दिन रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद में ऑनलाइन डॉक्टर से पूछ कर इलाज शुरू किया उसके बाद ब्लड टेस्ट भी कराया गया। ब्लड टेस्ट की जांच में पाया गया कि खून में संक्रमण काफी ज्यादा है उसके बाद दसवें दिन एक और बार ब्लड टेस्ट करवाया गया उसने खून में मौजूद प्लेटलेट्स कम हो गए थे। डॉक्टरों द्वारा दी गई दवाई का असर धीरे-धीरे हो रहा था और 15 से 16 दिन में जाकर महिला स्वस्थ हो गई। 16 जून को पता चला कि जिनोम सीक्वेंसिंग में डेल्टा प्लस रेडिएंट मिला है। तब स्वास्थ्य विभाग पहुंचा और हमारे और आसपास के लोगों के सैंपल की जांच दोबारा की गई। सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई गई है।

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