कुछ महीने कोरोना के कारण मंदसौर मंडी बंद थी और कोरोना महामारी कम होने के बाद प्रशासन ने जब 1 जून से मंडी को खोल दिया तो 3 जून तक तो किसान को कोरोना के डर के कारण मंडी में नहीं पहुंचे लेकिन मंडी में अभी 3 दिनों में इतनी ऊपर आई है कि पहले शायद ही उपज के लिए इतने किसान एक ही दिन में मंडी पहुंचे हो। शाम 6:00 बजे भी किसानों की मंडी में इतनी भीड़ दिख रही थी कि ऐसा लग रहा था कि मंडी अभी ही शुरू हुई हो। नीलामी शुरू होने के बाद उपज की आवक लगातार बढ़ती जा रही है। बीते 3 दिनों में मंडी में उपज की 69000 बोरी आई जो कि अभी तक का रिकॉर्ड आवक दर्ज की गई है।
41 हजार बोरी सिर्फ सोयाबीन की आवक हुई
खास बात तो यह रही कि इन 3 दिनों में सबसे ज्यादा आवक सोयाबीन की हुई 41000 सोयाबीन रिकॉर्ड दर्ज की गई।तीन दिनों तक अनाज दलहन तिलहन निलाम हुई। बारिश का मौसम और खरीफ फसल की बोवनी से पहले किसान अपनी उपज को बेचना चाहते हैं। यही कारण है कि मंडी में की आवक अधिक हो रही है। गुरुवार से शनिवार के बीच मंडी में 68995 बोरी की आवक हुई। इसमें सबसे ज्यादा सोयाबीन 41 हजार 90 बोरी हुई। गेहूं की 22000 बोरी आवक रही। शेष अन्य उपज की आवक सामान्य ही रही। सोयाबीन के अच्छे भाव मिलने के कारण मंडी में भीड़ लग रही है।
भुगतान भी सही समय पर हो रहा है
किसानों ने बताया कि अच्छे दाम मिलने के कारण भुगतान भी सही समय पर हो रहा है। किसानों को अब की बार उम्मीद है कि मानसून सही समय पर आ जाएगा। ऐसे में किसान अपनी उपज सही समय पर बेचना चाहते हैं। इसलिए उपज बेचने का सबसे अच्छा समय यही है क्योंकि जून के अंत तक किसान के कार्य शुरू हो जाएंगे और बारिश भी हो चुकी होगी इसलिए किसान अभी मंडी में पहुंच रहे हैं। इस बार सोयाबीन बीज की भी सभी और कमी दिख रही है जिसके कारण सोयाबीन की मांग अधिक है और अधिक मांग होने के कारण किसानों को सोयाबीन के भाव अच्छे मिल रहे हैं।