मंदसौर निकाय चुनाव से पहले काग्रेस को देर सवेर ही सही लेकिन जनता के मुद्दों की याद तो आई और कांग्रेस ने नगरपालिका का गेराव कर विरोध प्रदर्शन किया। जल संकट को लेकर कांग्रेसियों ने मिट्टी के मटके फोड़कर विरोध किया तो नारेबाजी भी की। यहां प्रशासक के नाम ज्ञापन सीएमओ को सौंपा गया। वही गांधी चौराहे पर चंबल योजना के फेल होने का आरोप लगाते हुए दोषियों पर कार्यवाही की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया। दिनभर चले अभियान में 500 से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर करते हुए संबल योजना में विसंगतियों के दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
3000 नामांतरण लंबित, अनुमतियों के लिए चक्कर काट रहे शहरवासी
नपा द्वारा काफी समय से लगभग तीन हजार नामांतरण ,लीज रिन्यूवल नही होने,किराया अवधि निर्माण अनुमति नहीं होने संबधी मामले लंबित हैं। इसके कारण आम नागरिकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना काल में आम नागरिकों की आर्थिक स्थिति खराब हुई है। नगर पालिका द्वारा नागरिकों के पेयजल व अन्य सभी प्रकार के कर अप्रैल-मई एवं जून माह में माफ किए जाएं। केंद्र सरकार द्वारा निशुल्क अनाज देने के दावे के विपरीत जिले में आवेदन प्रक्रिया बिना किसी जानकारी एवं प्रचार-प्रसार के जनता कर्फ्यू के दौरान प्रक्रिया की गई। इसके कारण कई लोग इससे वंचित रह गए। सरकार ने पंजीयन पोर्टल वापस खोलने की मांग की है। सरकार द्वारा अब तक कोरोना में मृत नागरिकों के परिजन को एक लाख की सहायता राशि देने संबंधी आवेदन प्रक्रिया या फिर कार्यवाही शुरू नहीं की गई है।
प्रतिदिन पानी देने का वादा निकला झूठा, महिलाओं ने फोड़े मटके
जिला अध्यक्ष नव कृष्णा पाटिल के नेतृत्व में सौंपा ज्ञापन के दौरान महिला कांग्रेस नेत्रीयो ने दोष स्वरूप एक मटका सीएमओ को सौंपा। बाकी मटके नगर पालिका कार्यालय गेट पर फोड़ते हुए विरोध दर्ज करवाया। महिला नेत्री यों ने आरोप लगाते हुए कहा कि चंबल पेयजल योजना में प्रतिदिन दो बार पानी देने का वादा किया गया था लेकिन चंबल पेयजल योजना के विफल होने के बाद वर्तमान में 2 दिन छोड़कर पानी दिया जा रहा है। नागरिकों से पूरे 30 दिन का भुगतान लेकर नगर पालिका सिर्फ 10 दिन पानी दे रही है जो आम नागरिकों के साथ अन्याय हो रहा है।