मंदसौर में भले ही पुलिस व्यवस्था की प्रशंसा की जा रही हो और कानूनी व्यवस्था सही चलने का दावा किया जा रहा हो लेकिन दुर्घटना के दौरान सबसे पहले पहुंचने वाली व्यवस्था यानी कि डायल 100 की व्यवस्था बिल्कुल सही नहीं है। दुर्घटना के दौरान सबसे पहले पहुंचने वाली 100 डायल के ठेकेदार की लापरवाही से जिले के सात थानो का गांव का सीधा संपर्क टूट गया है। जबकि पूरे प्रदेश में यह प्रचार किया जा रहा है कि अगर आपके सामने किसी भी गांव, शहर, गली या मोहल्ले में दुर्घटना होती है तो तुरंत 100 नंबर डायल करें , पुलिस वहां तुरंत पहुंच जाएगी। यह सुनकर लोगों ने इस योजना का उपयोग भी किया लेकिन जिले के साथ थानों से तो पुलिस का यह 100 डायल वाहन ही गायब है।
वाहन होते हुए भी समय पर नहीं पहुंच रही है पुलिस
जिन गांव के लिए पुलिस का वाहन नहीं है उनकी बात छोड़ दी जाए तो जिन स्थानों पर वाहन उपस्थित है वहां पर भी लोगों द्वारा 100 डायल करने पर पुलिस समय पर नहीं पहुंच रही है और गांव में लोग सबसे ज्यादा 100 डायल करने के बाद ही सुरक्षित महसूस करते हैं। अभी लगभग पूरा साल होने को आया है जिले के 8 गांव में 100 डायल की सुविधा बिल्कुल भी नहीं है। बात यह है कि वाहन खराब होने के नाम पर मेंटेनेंस के लिए भोपाल भेजे गए थे लेकिन 1 साल होने को आया है अभी तक वाहन वापस मेंटेन होकर नहीं पहुंचे हैं। अब जिन गांव में यह व्यवस्था नहीं है वहां से अगर कोई 100 डायल करता है तो आसपास की उपलब्ध 100 डायल की सेवा को खोजा जाता है। वर्तमान में तो किसी भी घटना पर 100 डायल को पहुंचने में दो से 3 घंटे लग रहे हैं।
कुछ मामलों में तो पुलिस शांत होने के बाद आती है
कुछ दुर्घटनाएं तो ऐसी होती है जहां पर लोग लड़ाई करके शांत हो जाते हैं या उनके बीच समझौता हो जाता है उसके बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंचते हैं। कुछ घटनाओं में लोग स्वयं के वाहन लेकर पुलिस थाने पहुंच जाते हैं या अस्पताल जाने की स्थिति में वहां चले जाते हैं। जिले के लगभग 7 थानों में यही स्थिति है। गांव वाले लोगों को थाने के मोबाइल नंबर भी नहीं पता है और वह तो सिर्फ 100 नम्बर को ही जानते हैं। जिले में मल्हारगढ़ में 8 माह से, पिपल्यामंडी में 3 माह से, भानपुरा में एक माह से और शामगढ़,सुवासरा, मंदसौर कोतवाली का वाहन कई दिनों से मेंटेनेंस के लिए भेजी गई थी लेकिन अभी तक वापस नहीं आई है। ऐसे में लोगों को अब परेशानी हो रही है लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। अगर वाहन जल्दी उपलब्ध नहीं हुए तो फिर से दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ जाएगी।